रामनगरी अयोध्या को विश्व स्तरीय आध्यामित्क केन्द्र के रूप में विकसित करने के प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी के सपने को साकार करने का खाका प्रशासन ने तैयार कर लिया है। अयोध्या के समग्र विकास के मकसद से प्रदेश में प्रथम ग्लोबल इन्फार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) आधारित अयोध्या महायोजना-2031 भाग (क) के प्रारूप का अंतिम रूप दे दिया गया है। इस योजना में विकास क्षेत्र के 133 वर्ग किमी के लिए महायोजना के तहत निवेश में बढ़ोत्तरी और जनसामान्य की सुविधा का ख्याल रखा गया है।
अयोध्या महायोजना-2031 भाग (क) के प्रारूप के तहत श्रीरामजन्म भूमि के आस-पास के क्षेत्र, बृहस्पति कुण्ड चौराहा (टेढ़ी बाजार चौराहा) से पोस्ट आफिस चौराहा, कटरा अयोध्या चौराहा के मध्य पड़ने वाले सभी क्षेत्र को धार्मिक भू-उपयोग के रूप में चिन्हित किया गया है। इसके धार्मिक भू-उपयोग से सम्बंधित क्रियाएं ही अनुमन्य की जाएंगी। श्रीराम जन्म भूमि के आस-पास के क्षेत्र (धार्मिक भू-उपयोग) की परिधि के चारों तरफ प्रतिबंधित मंदिर जोन-एक तथा जोन-दो को चिन्हित किया गया है। प्रतिबंधित मंदिर जोन-एक के तहत भवन की अधिकतम ऊंचाई 7.5 मीटर अनुमन्य होगी तथा प्रतिबंधित मंदिर जोन-दो के तहत भवन की अधिकतम ऊंचाई नींव सहित 17.5 मीटर होगी। निर्मित क्षेत्र का चिह्नांकन किया गया हैं। जिसके तहत भवन की ऊंचाई अधिकतम 15 मीटर अनुमन्य होगी तथा भवन निर्माण सम्बंधी प्राविधान किए गए हैं।
इसके अलावा निर्मित क्षेत्र तथा निर्मित क्षेत्र के बाहर मुख्य मार्गों पर बाजार क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। अम्बेडकरनगर रोड पर देवकाली तिराहे से यश पेपर मिल, प्रयागराज रोड पर बाईपास डॉ. भमराव अंतरराष्ट्रीय अम्बेडकर स्टेडियम, रायबरेली रोड पर बाईपास से मऊशिवाला, लखनऊ- गोरखपुर रोड पर सहादतगंज हनुमानगढ़ी मन्दिर से घाटमपुर ग्राम की अंतिम सीमा तक शामिल है।
विभिन्न मार्गों पर बस अड्डे तथा रिंग रोड बनेगा महायोजना- 2031 में लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर व अम्बेडकरनगर मार्ग पर नए बस अडडे तथा ट्रांसपोर्ट फेसिलिटी सेन्टर बनेगा। जिसके लिए चिन्हांकन किया गया है। इसके अलावा शहर में आने वाले भारी वाहनों को प्रतिबंधित किए जाने का प्रावधान किया गया है और भारी वाहनों के आवागमन के लिए रिंग रोड भी बनेगा।
जलाशयों-कुंडों को संरक्षित किया जाएगा महायोजना के तहत जलाशयों, कुण्डों, नालों, वाटर चैनल्स को चिन्हित किया गया है। जिनके संरक्षण के लिए भूमि की परिधि के छह मीटर के अंतर्गत कोई भी निर्माण अनुमन्य नहीं होगा। कुण्डों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। नदी तथा उसके आस-पास होने वाले निर्माण को नियंत्रित करने के लिए नदी केंद्रित विकास सम्बंधी प्रावधान किए गए हैं। 247 पेयजल उपलब्ध कराए जाने के लिए वाटर एक्शन प्लान तथा वाटर बैंलन्स प्लान तैयार करने के लिए तथा अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का भी प्राविधान किया गया है। सुल्तानपुर रोड पर शहर की बाहरी परिधि में औद्योगिक क्षेत्र चिन्हित किया गया है।