श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पंचांग की तिथि के अनुसार 11 जनवरी को ही त्रिदिवसीय ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ का आयोजन कर चुका है। फिर भी अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जीवन की सारी गतिविधियों का लेखा-जोखा करने वाले आज उस 22 जनवरी को जीने और देखने के लिए पुनः अयोध्या में हैं।
प्रातः से ही पुण्यसलिला सरयू में स्नान के बाद श्रीराम लला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की पंक्तियां लग गईं। ट्रस्ट को इसका अनुमान था, इसलिए व्यवस्थाएं भी इसी के अनुसार की गई थी। राम मंदिर के आसपास का सारा क्षेत्र ब्रह्म मुहूर्त से ही जयकारों से गूंजने लगा।
हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, कनक भवन सहित अयोध्या के सभी मंदिर आज श्रद्धालुओं से भरे हुए हैं। होटल और धर्मशालाएं पहले से ही लोग आरक्षित कराए हुए थे।
महाकुंभ से आकर फिर वही लौट जाने वालों की संख्या भी कम नहीं है। खचाखच भरी सभी पार्किंग इसकी गवाही दे रही हैं। स्थानीय श्रद्धालु भी बहुत आए हैं।
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार बुधवार को एक वर्ष पूरा हुआ है।इस ऐतिहासिक मौके को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह छाया हुआ है। राम मंदिर ट्रस्ट ने हिंदी कैलेंडर के अनुसार 11 जनवरी 2025 को भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का वार्षिक उत्सव मनाया था।
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार भी दूर-दराज से पहुंचे श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन करके अभिभूत हैं। वे खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं। कड़ाके की ठंड पर आस्था भारी है। सुरक्षा को लेकर के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
रामलला के अंग्रेजी कैलेंडर के वार्षिक उत्सव के मौके पर रामनगरी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा है। छह जोन और 17 सेक्टर में बांटकर रामनगरी की सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है। जोन में राजपत्रित अधिकारियों और सेक्टर में सीओ स्तर के अधिकारी की तैनाती की गई है।
राम मंदिर परिसर में आज कोई भी विशेष कार्यक्रम नहीं हो रहा है। राम मंदिर में प्रतिदिन की दिनचर्या के अनुरूप ही पूजा- पाठ और राग भोग चल रहा है। प्राण प्रतिष्ठा का वार्षिक उत्सव राम मंदिर ट्रस्ट हिंदी तिथि के अनुसार मना चुका है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आज श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिख रहा है।