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अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम पुलिस, लालकुआं कोतवाली क्षेत्र में निरंतर बढ़ रहा क्राइम का ग्राफ।

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अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम पुलिस, लालकुआं कोतवाली क्षेत्र में निरंतर बढ़ रहा क्राइम का ग्राफ।

हल्दूचौड़-
शांत प्रिय माने जाने वाले हल्दूचौड़ क्षेत्र में 2014 में अमानचैन के उद्देश्य से स्थापित की गई पुलिस चौकी अपराधों पर अंकुश लगाने के बजाय अपराधियों व अपराधों को बड़ावा देती प्रतीत हो रही है ऐसा यहां के क्षेत्रवासियों का मानना है। बेहद शांत प्रिय उक्त क्षेत्र पुलिस की हीलाहवाली के चलते अपराधियों की शरणस्थली बनता जा रहा है ।
यहां आपराधिक वारदातों का ग्राफ थमने के बजाय निरंतर अपराधिक गतिविधियां में बढ़ोतरी देखी जा रही है क्षेत्रवासियों का पुलिस पर आरोप है कि वह अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है ग्रामीण पुलिस पर अपराधियों को खुला संरक्षण देने का भी आरोप लगाते दिख रहे हैं जिसकी वजह यह है कि यहां अपराधी अपने नापाक मंसूबों को बेखौफ अंजाम दे रहे हैं
विगत दो दिन पूर्व प्रतिष्ठित कैफे में तमंचे पर डिस्को वाले मामले को लेकर उपजे जन आक्रोश पर लालकुआं पुलिस स्थानीय जनप्रतिनिधियों को संतुष्ट कर पाती उससे पहले आज हुए घटनाक्रम ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर पुनः प्रश्नचिन्ह लगा दिए आज दिन दहाड़े हुए अपहरण के घटना क्रम ने पुलिस कार्य प्रणाली पर तमाम सवालिया निशान छोड़ दिए हैं। हालाकि पुलिस ने अपहृत युवक को टांडा जंगल से कड़ी मशक्कत के बाद लगभग 5 से 6 घंटे के बीच सकुशल बरामद कर लिया किंतु दिन दहाड़े सरेराह बंधक बनाकर युवक को अपहृत कर जंगल में उसके साथ की गई मारपीट की घटना ने क्षेत्रवासियों को सोचने पर जरूर मजबूर कर दिया है हालांकि युवक की बहन की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दबिश दी और चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया साथ ही एक अभियुक्त जिसका नाम नीरज ठाकुर है वह फरार चल रहा है जिसकी गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीमों के दबिस दिए जाने का हवाला दिया जा रहा है ।वावजूद क्षेत्रवासियों का मानना है कि पुलिस अपराधों व आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाने की दिशा में लापरवाह बनी हुई है स्थानीय जनप्रतिनिधि उक्त मामले में पूर्व में भी अपराधों पर अंकुश लगाने को लेकर प्रभारी निरीक्षक से गुहार लगा चुके हैं किंतु पुलिस कार्यप्रणाली व आज हुए घटनाक्रम से लगाता है कि जनप्रतिनिधियों की गुहार पुलिस के लिए कोई मायने नहीं रखती यदि ऐसा होता तो अपराधी पुलिस के खोफ के चलते इस तरह के मंसूबों को अमलीजामा देने से भयभीत रहते।हालांकि पुलिस उक्त घटनाक्रम का मीडिया के समक्ष बेहद तत्परता का दंभ जरूर भर रही है वावजूद क्षेत्रवासी अपने को महफूज समझने से कतरा रहे हैं।

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