विधानसभा अध्यक्ष मा. रितु खंडूरी की अध्यक्षता में भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडाउन के तिलवाढांग स्थित वन विश्राम गृह कोटद्वार में कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र में गतिमान विकास कार्यों और जनता से जुड़े हुए अन्य विभिन्न बिंदुओं के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मा. विधानसभा अध्यक्ष ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों से विधानसभा क्षेत्र में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों, जन उपयोगी योजनाओं और विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि विभिन्न कार्यों की गति तेजी से बढ़ाएं तथा उसमें गुणवत्ता का बेहतर ध्यान रखें। उन्होंने विकास कार्यों और योजनाओं का उचित पारदर्शिता, गुणवत्ता और समय से बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए। कहा कि जिन कार्यों की महत्वता अधिक है और जिनसे अधिक लोगों के सरोकार जुड़े हुए हैं उनकी प्राथमिकता निर्धारित करते हुए उसे शीघ्रता से पूर्ण करें। विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और लोक निर्माण विभाग को सड़क निर्माण, डामरीकरण और सड़क सुधारीकरण से जुड़े हुए कार्यों के संबंध में निर्देशित किया कि जिन निर्माण कार्यों की स्वीकृति भारत सरकार अथवा शासन से होनी है उनका तत्काल प्रस्ताव तैयार करें, साथ ही जिन कार्यों की मंजूरी मिल चुकी है उनको तत्काल प्रभाव से पूर्ण करें। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को ऐसे विद्यालय जिनकी दशा में सुधार करना अपेक्षित है के सुधारीकरण का प्रस्ताव बनाने और विभिन्न विद्यालयों में पूर्व में आयोजित कराई गई विभिन्न प्रतिस्पर्धी प्रतियोगिताओं का विवरण भी उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने पेयजल निगम और जल संस्थान को भी निर्देशित किया कि जहां पर पेयजल की समस्या रहती है अथवा जहां पर पेयजल की गुणवत्ता अपेक्षित नहीं है वहां के लिए प्रस्ताव बनाकर शीघ्रता से आवश्यक कार्यवाही करें। पर्यटन विभाग को विभिन्न गेस्ट हाउस की कंडीशन और उसकी स्थिति का विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए कहा कि कण्व आश्रम क्षेत्र में पर्यटन से जुड़े हुए निर्माण कार्यों के संबंध में प्रस्ताव तैयार करें। उन्होंने कृषि और उद्यान विभाग को कृषको को दिए जाने वाले बीज, दवाएं और पौधे की गुणवत्ता में सुधार करने और उचित गुणवत्ता के बीज और पौधे ही उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। मा. अध्यक्ष ने जिला बाल विकास अधिकारी (डीपीओ) को निर्देशित किया कि जहां पर आंगनवाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए भवन की आवश्यकता है तथा यदि उस परिधि में ग्राम विकास, पंचायतराज, समाजकल्याण अथवा अन्य किसी विभाग का भवन यदि खाली हो और अच्छी कंडीशन में है तो उसको आंगनवाड़ी केंद्र के संचालन अथवा विभाग के उपयोग के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, जिससे खाली भवनों का सदुपयोग भी सुनिश्चित हो सके।