राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले के मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ (एलईटीटी)/द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के सदस्य भी शामिल हैं। आरोपपत्र में पाकिस्तान की साजिश, आरोपियों की भूमिका और मामले से जुड़े सहायक सबूतों का विस्तृत विवरण दिया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की चार्जशीट में प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’/’टीआरएफ’ को पहलगाम हमले की योजना बनाने, उसमें सहयोग करने और उसे अंजाम देने में उसकी भूमिका के लिए एक कानूनी इकाई के रूप में आरोपित किया गया है।
चार्जशीट में इन आतंकियों के नाम
सोमवार को जम्मू स्थित एनआईए विशेष न्यायालय में दायर 1,597 पृष्ठों के आरोपपत्र में पाकिस्तानी हैंडलर आतंकवादी साजिद जट्ट का नाम भी आरोपी के रूप में शामिल है। एनआईए के आरोपपत्र में उन तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों के नाम भी हैं जो घातक आतंकी हमले के कुछ हफ्तों बाद जुलाई 2025 में श्रीनगर के दाचीगाम में ऑपरेशन महादेव के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए थे। तीनों की पहचान फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी के रूप में हुई है।
लश्कर-ए-तैयबा/टीआरएफ और उपर्युक्त चारों आतंकवादियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023, शस्त्र अधिनियम, 1959 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। एनआईए ने चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ भारत के विरुद्ध युद्ध छेड़ने के लिए भी दंडात्मक धाराओं का प्रयोग किया है। बता दें कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा धर्म आधारित लक्षित हत्याओं वाले इस हमले में 25 पर्यटक और एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी।
8 महीने की जांच में सामने आए कई अहम सबूत
एनआईए ने पिछले लगभग 8 महीनों तक चली गहन वैज्ञानिक जांच के माध्यम से मामले आरसी-02/2025/एनआईए/जेएमयू में साजिश का पता पाकिस्तान से लगाया है, जो भारत के विरुद्ध आतंकवाद को लगातार प्रायोजित कर रहा है। आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप में एनआईए द्वारा 22 जून 2025 को गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों परवेज अहमद और बशीर अहमद जोथड़ के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया है। पूछताछ के दौरान, दोनों व्यक्तियों ने हमले में शामिल तीन सशस्त्र आतंकवादियों की पहचान का खुलासा किया था। उन्होंने यह भी पुष्टि की थी कि वे प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे।









