केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देशभर के लोगों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि सरकार एक नया टोल सिस्टम लाने जा रही है, जिससे आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होगा। उन्होंने दिल्ली में हाल ही में हुए एक कार्यक्रम में यह बात कही। गडकरी बोले, “हम एक नई नीति ला रहे हैं, जो आम आदमी को राहत देगी। हम टोल वसूली की प्रक्रिया बदल रहे हैं। अभी इससे ज्यादा नहीं बता सकता, लेकिन मेरा मानना है कि इसका एलान अगले 8-10 दिनों में कर दिया जाएगा।”
नए टोल सिस्टम से घटेगा टोल टैक्स का बोझ
इस नई टोल प्रणाली के लागू होने के बाद, लोगों को टोल टैक्स में राहत मिल सकती है। इस कार्यक्रम में गडकरी ने आश्वासन दिया कि इससे यात्रियों पर आर्थिक बोझ कम होगा, जो लंबे समय से एक बड़ी चिंता बनी हुई है। इससे पहले भी उन्होंने पिछले महीने संसद में इस टोल नीति का जिक्र किया था। और बताया था कि सरकार इस सिस्टम को ज्यादा यूजर-फ्रेंडली बनाना चाहती है। साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर भी मजबूत बना रहे।
टोल से बढ़ी है कमाई
हाल के वर्षों में भारत के टोल संग्रह में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। 2023-24 में राजस्व 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है। 2019-20 में 27,503 करोड़ रुपये के संग्रह की तुलना में यह बढ़ोतरी खास तौर पर उल्लेखनीय है।
हालांकि नई प्रणाली के डिटेल्स को फिलहाल गुप्त रखा गया है। लेकिन उम्मीद है कि यह बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए सरकार के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप होगी।
अब टोल प्लाजा से नहीं, सैटेलाइट से कटेगा टैक्स
अभी देश में टोल वसूली का सिस्टम FASTag (फास्टैग) आधारित है, जिसमें गाड़ियां टोल प्लाजा पर लगे सेंसर से स्कैन होती हैं। लेकिन सरकार अप्रैल 2025 से एक बिल्कुल नया सैटेलाइट-आधारित टोल सिस्टम लाने की तैयारी में है।
इस नई तकनीक का नाम है GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) (जीएनएसएस), जिसमें गाड़ियों में एक खास डिवाइस लगाया जाएगा। यह डिवाइस यह ट्रैक करेगा कि गाड़ी ने कितनी दूरी तय की है, और उसी आधार पर टोल चार्ज वसूला जाएगा। यानी जितना सफर, उतना भुगतान। इससे टोल प्लाजा की जरूरत भी धीरे-धीरे खत्म हो सकती है और ट्रैफिक जाम जैसी समस्या भी दूर होगी।
लोकल यात्रियों को मिलेगा फायदा
जीएनएसएस आधारित सिस्टम में एक खास बात यह भी होगी कि जो लोग रोज कम दूरी का सफर करते हैं (जैसे गांव से कस्बे या ऑफिस आने-जाने वाले लोग), उन्हें हर दिन पहले 20 किलोमीटर तक का सफर टोल फ्री मिलेगा। इससे लोकल यात्रियों की जेब और ज्यादा सुरक्षित होगी।
इस पूरे सिस्टम को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) (इसरो) की तकनीकी मदद से तैयार किया जा रहा है। और इसकी निगरानी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) (एचएचएआई) करेगी।
ग्रीन इकोनॉमी की तरफ भारत का अगला कदम
टोल सिस्टम में बदलाव के साथ-साथ नितिन गडकरी भारत को ग्रीन इकोनॉमी बनाने के लिए भी बड़ी प्लानिंग कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में सुझाव दिया है कि हाइब्रिड गाड़ियों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत और फ्लेक्स इंजन वाली गाड़ियों पर 12 प्रतिशत किया जाए। इससे भारत में धीरे-धीरे 36 करोड़ पेट्रोल और डीजल गाड़ियों को हटाने का रास्ता साफ होगा। यह प्रस्ताव इस समय वित्त मंत्रालय के पास विचाराधीन है।