आज की तारीख यानी 1 अप्रैल 2025 बहुत ही अहम है। आज से ढेरों ऐसे नियम बदल रहे हैं या यूं कहें कि आज से ढेरों नए नियम लागू हो रहे हैं, जिनका आम जनता यानी हम सभी की रोजमर्रा की जिंदगी और वित्तीय लेन-देन पर सीधा असर पड़ेगा। एटीएम से नकद निकासी हो या फिर हाईवे पर टोल दरें, सभी में बदलाव होने जा रहा हैं। इसका सीधा असर हमारी जेब पर पड़ेगा। बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, यूपीआई लेन-देन समेत तमाम नियमों में भी संशोधन देखने को मिलेगा। तेल विपणन कंपनियों ने भी वाणिज्यिक एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में संशोधन कर दिया है। 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में आज से 41 रुपये की कटौती की गई है। दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की खुदरा बिक्री कीमत आज से 1762 रुपये हो गई है।
1. ₹12 लाख तक की आय टैक्स फ्री
नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले बजट में मध्य वर्ग को बड़ी राहत देने का ऐलान किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि अब 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन यह छूट उन्हीं को मिलेगी जो इनकम टैक्स रिटर्न भरने की नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) का चुनाव करेंगे।
न्यू टैक्स रिजीम में बेसिक टैक्स इग्जेंप्शन की लिमिट भी 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दी गई है। यानी सालाना 12 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी वालों को भी 4 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। नए टैक्स सिस्टम में 12 लाख रुपये तक की आमदनी पूरी तरह टैक्स फ्री है ही, ऊपर से वेतनभोगी वर्ग (Salaried Class) को 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा भी मिलेगा, जिससे कुल ₹12.75 लाख की सैलरी टैक्स फ्री हो जाएगी।
2. नंबर इनेएक्टिव है तो UPI बंद
नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी UPI सिक्यॉरिटी को बढ़ाने के लिए नए दिशा-निर्देश लागू किए हैं। अगर यूपीआई से जुड़ा आपका मोबाइल नंबर लंबे समय से एक्टिव नहीं है, तो 1 अप्रैल से उस नंबर से पेमेंट करना संभव नहीं होगा। गूगल पे (Google Pay), फोनपे (PhonePe) जैसे यूपीआई एनेबल्ड ऐप्स पर यह बदलाव लागू होगा। अगर आपका नंबर लंबे समय से इनऐक्टिव है और आप यूपीआई पेमेंट सिस्टम बंद नहीं करवाना चाहते हैं तो रिचार्ज करवा लें।
3. क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड्स में बदलाव
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और ऐक्सिस बैंक (Axis Bank) अपने कुछ क्रेडिट कार्ड्स की रिवॉर्ड प्वाइंट पॉलिसी बदल रहे हैं। एसबीआई सिंप्लीक्लिक (SBI SimplyCLICK) और एयर इंडिया एसबीआई प्लैटिनम (Air India SBI Platinum) कार्ड्स पर रिवॉर्ड स्ट्रक्चर बदलेगा। ऐक्सिस बैंक (Axis Bank) के विस्तारा कार्ड्स (Vistara Cards) में बदलाव एयर इंडिया मर्जर के बाद लागू होंगे।
4. नई पेंशन योजना (UPS)
मोदी सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की थी जो आज, 1 अप्रैल से लागू हो गई है। 25 साल या उससे ज्यादा सर्विस वाले केंद्रीय कर्मचारियों को अंतिम 12 महीने के औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन मिलेगा। औसत बेसिक सैलरी मतलब बीते 12 महीनों में बेसिक सैलरी के रूप में जितने पैसे मिले, उसे 12 से भाग दिया जाएगा। जितनी रकम होगी, नियम के अनुसार उसका आधा पेंशन की रकम बनेगी। पुरानी पेंशन योजना की जगह अब यह नई योजना आएगी। इस दायरे में 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी आएंगे।
5. GST नियमों में MFA जरूरी
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) पोर्टल पर अब मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) अनिवार्य हो गया है। ईवे बिल्स (E-Way Bills) अब केवल उन्हीं दस्तावेजों पर बन सकेंगे जो 180 दिनों से पुराने न हों। यह बदलाव बिजनेस सेक्टर को सीधे प्रभावित करेगा।
6.मिनिमम बैलेंस नहीं तो लगेगा जुर्माना
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नैशनल बैंक (PNB) और केनरा बैंक जैसे बड़े बैंकों ने मिनिमम बैलेंस की लिमिट बदल रहे हैं। अगर आपके अकाउंट में तय सीमा से कम बैलेंस रहेगा तो जुर्माना देना होगा। यह बदलाव उन खाताधारकों के लिए जरूरी है जो छोटे शहरों या ग्रामीण इलाकों में रहते हैं।
परेशानियों से बचना है तो कर लें तैयारी
1 अप्रैल से लागू हो रहे ये सभी बदलाव हर उस भारतीय को प्रभावित करेंगे जो आय, बचत, खर्च और यूपीआई ट्रांसफर से जुड़ा है। स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग और सही जानकारी ही इस बदलाव के दौर में आपकी सबसे बड़ी ताकत होगी।
अब किन-किन कारणों से मिल सकेगा पीएफ एडवांस?
पहले सिर्फ बीमारियों और अस्पताल में भर्ती जैसी आपात स्थितियों में पीएफ से एडवांस पैसा निकाला जा सकता था। लेकिन अब ईपीएफओ ने इसे तीन और जरूरी पहलुओं तक बढ़ाया है- शिक्षा, शादी और मकान। यानी जीवन के अहम मोड़ों पर अब आपको दौड़-धूप नहीं करनी होगी। इन उद्देश्यों से पीएफ के पैसे की जरूरत पड़ी तो आप एक क्लिक में पैसे निकाल पाएंगे।
ऑटोमेशन से हुआ सबकुछ आसान
ईपीएफओ ने अप्रैल 2020 में ऑटो-क्लेम सुविधा शुरू की थी, जो शुरुआत में सिर्फ ₹50,000 तक सीमित थी। मई 2024 में इसे ₹1 लाख तक बढ़ाया गया और अब यह ₹5 लाख की ओर बढ़ रही है। सभी केवाईसी, बैंक और पात्रता जांच अब एक केंद्रीकृत आईटी सिस्टम से की जा रही हैं और ईपीएफओ के किसी कर्मचारी की इसमें कोई दखल नहीं होती है।