34 साल पुराने रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट के सजा सुनाने के बाद शुक्रवार शाम को पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। हालांकि इससे पहले सिद्धू ने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करते हुए आत्मसमर्पण की खातिर एक सप्ताह का समय मांगा लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। कोर्ट में पेश होने के लिए जाते वक्त नवजोत सिंह सिद्धू के चेहरे पर साफ तौर पर चिंता की लकीरें दिखीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की। बार-बार सवाल पूछने पर यही कहा कि वह कुछ नहीं कहना चाहते हैं।
सिद्धू नीले रंग के कुर्ते पायजामे में करीब तीन बजकर 55 मिनट पर अपनी गाड़ी से कोर्ट के लिए रवाना हुए। सिद्धू के साथ उनकी लैंड क्रूजर गाड़ी में पूर्व विधायक हरदियाल सिंह कंबोज, वरिष्ठ कांग्रेस नेता अश्विनी सेखड़ी मौजूद रहे, जबकि नवतेज चीमा गाड़ी चला रहे थे। सिद्धू अपने साथ एक बैग भी लेकर आए। उनके घर से कोर्ट कांप्लेक्स का रास्ता पांच-छह मिनट का ही है। इस मौके पर कोर्ट रूम के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे।
सिद्धू ने शाम करीब चार बजे पटियाला में चीफ जुडीशियल मजिस्ट्रेट अमित मल्हन की कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शाम करीब चार बजकर 50 मिनट पर सिद्धू को कड़ी सुरक्षा के बीच मेडिकल के लिए पंजाब पुलिस की बस में माता कौशल्या सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जहां से शाम करीब छह बजकर आठ मिनट पर सिद्धू को एक आम कैदी की तरह गाड़ी में पटियाला की सेंट्रल जेल ले जाया गया। इस मौके पर जेल के बाहर सिद्धू के समर्थकों की भीड़ जमा थी।
कैदी नंबर 241383, बैरक नंबर सात नया ठिकाना
सूत्रों के मुताबिक सिद्धू पटियाला जेल में कैदी नंबर 241383 होंगे और उन्हें बैरक नंबर सात में रखा जाएगा। नवजोत सिंह सिद्धू 364 दिन की सजा कटेंगे। दरअसल, वह इस मामले में एक दिन की सजा पहले ही काट चुके हैं।