अलीगढ़ के एएमयू के एबीके बॉयज स्कूल के कंप्यूटर शिक्षक राव दानिश अली (45) की बुधवार देर रात एएमयू परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। स्कूटी सवार दो नकाबपोश बदमाशों ने इस दुस्साहसिक वारदात को उस समय अंजाम दिया, जब वह लाइब्रेरी की कैंटीन परिसर में दो साथियों संग टहल रहे थे। भागते समय बदमाशों ने करीब 10 राउंड फायरिंग की। इससे एएमयू में दहशत फैल गई।
दानिश के ससुर मोहम्मद उल्लाह चौधरी मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा सीट से विधायक रहे हैं। हत्या की वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। सीओ तृतीय सर्वम सिंह के अनुसार घटना रात करीब 8:45 बजे हुई और राव दानिश अली मूल रूप से डिबाई क्षेत्र (बुलंदशहर) के रहने वाले थे। उनका परिवार कई दशक से अमीर निशा मक्खन वाली कोठी के पास रहता है।
उनकी मां एएमयू में शिक्षक और पिता एएमयू में कर्मचारी रहे हैं। एएमयू में ही पढ़ाई के बाद खुद राव दानिश अली को भी एबीके बॉयज स्कूल में कंप्यूटर शिक्षक की नौकरी मिल गई थी। उनके भाई भी एएमयू इंजीनियरिंग विभाग में शिक्षक हैं। उनके ससुर डा. मोहम्मद उल्लाह चौधरी मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक रहे हैं। दानिश रोजाना की तरह शाम को एएमयू की लाइब्रेरी कैंटीन परिसर में टहलने गए थे।
दो अन्य साथी भी उनके साथ थे, तभी स्कूटी सवार दो नकाबपोश बदमाश वहां पहुंचे और पीछे से दानिश की कनपटी से पिस्टल सटाकर गोली मार दी। एएमयू सुरक्षाकर्मी भी मौके पर पहुंच गए। आनन-फानन घायल दानिश को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां कुछ देर उपचार के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सूचना पर एसएसपी सहित पूरा अमला व एएमयू के अधिकारी मेडिकल पहुंच गए। घटनास्थल पर टीम लगाकर जानकारी जुटाई जा रही है। खबर पर मेडिकल कॉलेज में समर्थकों व परिचितों की भीड़ लगी हुई थी।
अब तो मुझे पहचानोगे मैं कौन हूं..गाली देकर कनपटी पर दागी गोली
इस आधार पर पुलिस यह मान रही है कि हत्यारोपी बदमाश पहले से दानिश के परिचित थे और किसी पुराने विवाद में इस घटना को अंजाम दिया गया है। अमीर निशा में रहने वाले राव दानिश अली का एएमयू से बचपन का नाता है। इसलिए हर दिन एएमयू लाइब्रेरी परिसर में टहलने जाते थे। बुधवार को वह पैदल-पैदल ही वहां पहुंचे। उनके साथ एएमयू के ही एक अन्य टीचर इमरान व एक व्यापारी गोलू थे।

तीनों लाइब्रेरी से केनेडी हॉल के बीच वाली पट्टी पर कैंटीन को जाने वाले रास्ते पर टहल रहे थे। वहां इनका इरादा चाय पीने का भी था। घटना के वक्त दानिश अली के दोनों साथी कुछ कदम आगे बढ़ गए, वह उनसे कुछ कदम पीछे थे, तभी दोनों हत्यारोपी आए, उनमें से एक ने दानिश से कहा कि अब तो तुम मुझे पहचानोगे और गोली मार दी।
कोई नहीं देख पाया किधर गए शूटर
इस घटना के बाद एसएसपी नीरज जादौन, एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक, सीओ तृतीय सर्वम सिंह, फील्ड यूनिट, एसओजी-सर्विलांस टीम, एएमयू प्रॉक्टर प्रो.वसीम अली पूरी टीम के साथ पहले मेडिकल कॉलेज व बाद में घटनास्थल गए। वहां दोनों प्रत्यक्षदशियों के अलावा तमाम सुरक्षाकर्मियों से बात की। मगर कोई यह नहीं बताया पाया कि शूटर किधर गए। इसके बाद एक टीम को सीसीटीवी कैमरे देखने पर लगाया गया।

एएमयू छात्र राजनीति-प्रापर्टी व्यापार में सक्रिय रहा है दानिश
पुलिस के अनुसार एएमयू में पढ़ाई करने के दौरान राव दानिश अली छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे थे। इसके अलावा छोटा-मोटा प्रापर्टी आदि का व्यापार भी करते रहे। पिछले कुछ वर्ष से उनकी सक्रियता बाकी जगहों पर कम ही देखने को मिलती थी। सामाजिक सक्रियता के अलावा अब अब वे सिर्फ परिवार व एएमयू तक सीमित थे। इस बात को परिवार ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार की है।
रंजिश या किसी विवाद से परिवार अंजान
दानिश अली के परिवार में पत्नी व दो बच्चे हैं। पत्नी तीन बहनों व एक भाई में सबसे छोटी हैं। खबर पर पूरा परिवार मेडिकल कॉलेज पहुंच गया था। पुलिस अधिकारियों से बातचीत में किसी ने भी किसी तरह के विवाद, रंजिश या अन्य कारणों की जानकारी होने से इंकार कर दिया था। पत्नी व मां का हाल बेहाल था, लोग उन्हें संभाल नहीं पा रहे थे।

उमरा पर जाने वाले थे दानिश
परिवार से इतना जरूर पता चला कि दाशिन अब उमरा पर जाने की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए उन्होंने बुकिंग भी करा ली थी। परिवार में तैयारी चल रही थी।
देर रात तक लगी रही भीड़
इस खबर पर एएमयू से जुड़े व उनके शहर से जुड़े तमाम सामाजिक व सियासी समर्थक मेडिकल कॉलेज पहुंच गए थे। परिवार के साथ खड़े होकर उन्हें सांत्वना देने का प्रयास कर रहे थे। एएमयू कुलपति नईमा खातून भी मेडिकल कॉलेज पहुंची।

एएमयू में सुरक्षा पर फिर सवाल दस साल में ये तीसरा हत्याकांड
तमाम दावों व प्रयास के बाद भी एएमयू में अपराधियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा। अमर उजाला ने 15 दिसंबर को ही अपराधियों की घुसपैठ व गोपनीय शिकायतों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। झगड़े और फायरिंग तो आए दिन की बात है। हां, परिसर के अंदर दस वर्ष में बुधवार को तीसरी हत्या हुई है। परिसर से बाहर एएमयू जुड़े कई हत्याकांड दर्ज हैं।
एएमयू में सुरक्षा के मुद्दे पर बात करें तो हाईकोर्ट तक की एएमयू इंतजामिया की सख्त टिप्पणी के बावजूद अपराधी-बाहरी घुसपैठ कर घटनाओं को अंजाम दे जाते हैं। इसमें भी लाइब्रेरी पर पिछले कुछ समय में यह चौथी वारदात है। समय -समय पर एएमयू में बाहरियों व अपराधियों के प्रवेश का शोर मचता रहा है। सीएए-एनआरसी विरोधी उपद्रव के बाद एएमयू छात्रों के पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। तब उसमें आरोप लगाया था कि बाहरियों ने घुसकर उपद्रव किया। पुलिस ने छात्रों पर बल प्रयोग किया।
इस याचिका को हाईकोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ खारिज किया था कि एएमयू इंतजामिया को बाहरियों व अपराधियों पर परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना होगा। इसके लिए इंतजाम करने होंगे। इसके बाद सुरक्षा प्रबंधन का दावा किया जाता है। बावजूद इसके हाल में लाइब्रेरी पर अपराधी द्वारा फायरिंग की गई।
इसके अलावा दो अन्य घटनाएं भी लाइब्रेरी व बगल में बॉस्केट बॉल कोर्ट में फायरिंग व झगड़े की हुईं। अब यह हत्या हो गई। इससे पहले हत्या की बात करें तो सितंबर 2015 में मुनीर ने एएमयू छात्र आलमगीर की केमिस्ट्री विभाग के सामने हत्या की थी। इसके बाद 2016 में प्रॉक्टर छात्र गुटों की फायरिंग में दोहरा हत्याकांड हुआ। अभी एएमयू सिटी स्कूल के बाहर एक छात्र की हत्या हुई।







