मोटाहल्दू – ग्रामीणों के घरों से चिपक कर और खेतों में लटक कर जा रही बिजली की लाइन
सूपी भगवानपुर में जहां हाथी की मौत हुई है, वहां खेतों से बहुत कम ऊंचाई से होकर 11 केवी बिजली की लाइन गुजर रही है। इसके साथ ही घर बने हैं, उनसे सटकर भी बिजली लाइन जा रही है।
यह पहली बार नहीं है कि बिजली की लाइन से करंट लगने से हाथी की मौत हुई है। करीब दो साल पहले दीना हल्दूचौड़ में करंट लगने से हाथी की मौत हुई थी। यहां पर भी हाईटेंशन लाइन खेतों से होकर गुजर रही थी। इसके बाद पूरे क्षेत्र में लाइनों को ठीक करने की बात हुई, लेकिन संबंधित क्षेत्र को छोड़कर अन्य जगह कार्य नहीं हो पाए। वन विभाग ने भी मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब एक बार फिर घटना हुई। इससे ऊर्जा निगम के साथ वन विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। ग्रामीणों का कहना था कि कई दिनों से बिजली लाइनों को ठीक करने की बात कही जा रही थी। अब हादसे के तुरंत बाद ऊर्जा निगम की टीम दो पोल लेकर पहुंच गई। तेजपुर, जयपुर बीसा समेत अन्य इलाकों में हाथी का मूवमेंट हैं, वहां भी बिजली के तार लटके हुए हैं। स्थानीय निवासी रमेश जोशी, संदीप पांडे, मदन उपाध्याय, संतोष और विनीत कबड़वाल ने विभागीय कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश जताया।
डीएफओ से जतायी नाराजगी
हल्द्वानी। स्थानीय लोगों ने ऊर्जा निगम के साथ वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने डीएफओ वैभव सिंह से कहा कि कई बार ऊर्जा निगम को लटकते हुए तार को ठीक कराने के लिए कहा गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। डीएफओ ने तार की ऊंचाई के मानक का परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिया। बाद में ऊर्जा निगम के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे तो लोगों ने उनके समक्ष नाराजगी जाहिर की। लोगों ने कहा कि वन विभाग को सचेत रहते हुए तार ठीक कराने के लिए ऊर्जा निगम पर दबाव बनाना चाहिए था।
जांच के दिए आदेश
हल्द्वानी। ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता ग्रामीण डीडी पांगती ने बताया कि सूचना मिलने के बाद तत्काल एसडीओ और जेई को मौके पर भेजा गया था। मामले की जांच कराने का फैसला किया गया है। जहां कमी होगी, उसे ठीक किया जाएगा।