मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बेटी की बालिग होने पर उसके विवाह की चिंता ना करें। बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक कन्या सुमंगला योजना में 25000 रुपये की राशि दी जाएगी, उसके साथ ही बेटी के विवाह योग्य होने पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में उसके हाथ पीले भी कराए जाएंगे। हम सभी कन्यादान के लिए आते हैं।
मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड खाद्य कारखाना परिसर में आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में शामिल होकर 1200 जोड़ों को आशीर्वचन दे रहे थे। मंच से उन्होंने 11 जोड़ों को अपने हाथों से आशीर्वाद दिया। और उनका हाल पूछा।
इसके साथ ही विवाह मंडप पर पहुंचकर जोड़ों पर फूल भी बरसाए। मंच से आशीर्वाद देते हुए सीएम योगी ने कहा कि अच्छी सरकार वही है जो जनता की समस्याओं का निदान निकाल सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विवाह का कार्यक्रम प्रधानमंत्री लोक कल्याण के कार्यक्रम को आगे बढ़ने का हिस्सा है।
बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ के कार्यक्रम को आगे बढ़ाना होगा। बाल विवाह दहेज प्रथा पर यह कार्यक्रम प्रहार है। उन्होंने कहा की बेटी बचाना है तो बेटी को पढ़ाना होगा। उसे सशक्त करना होगा। भाजपा की सरकार ने लोगों की पीड़ा के समाधान को नए सिरे से तय किया है।
जन्म से लेकर स्नातक तक कन्या सुमंगल योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है। 25000 की राशि इसके लिए तय की गई है। बेटी के कक्षा एक में पहुंचने पर पैसा मिलेगा इसके साथ ही कक्षा 5 तथा आठवीं के बाद दाखिला लेने पर पैसा अपने आप खाते में आ जाएगा।
स्नातक के बाद आईटीआई इत्यादि कोर्स के लिए भी पैसा मिलेगा। इसके बाद बेटी विवाह के लायक हो गई तो अभिभावक को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हम सभी विधायक सहित कन्यादान करने पहुंचते हैं। किसी एक के घर शादी हो तो शायद हम नहीं पहुंच पाए, लेकिन आज लखनऊ के कार्यक्रम छोड़कर हम सब यहां आए हैं।
उन्होंने कहा कि प्राचीन मान्यता है कि गांव की बेटी सबकी बेटी होती है। इसी तरह गोरखपुर की बेटी भी सबकी बेटी है। उन्होंने कहा कि यहां बाल विवाह व दहेज प्रथा नहीं है। जाति क्षेत्र व भाषा का बंधन भी यहां देखने को नहीं मिलेगा। उनका कहना था कि रजिस्ट्रेशन कोई भी करवा सकता है। इसमें प्रशासन सहयोग करेगा।
समाजवादी पार्टी पर तंज करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकार 20,000 की धनराशि ही देती थी। वह भी सभी को नहीं मिलता था। चेहरा देखकर दिया जाता था। हमने 2017 में इस योजना की शुरुआत 35,000 रुपए से की। इसके बाद इसे बढ़ाकर 51000 किया गया।