
महाराष्ट्र का सियासी संकट गहराता ही जा रहा है। सोमवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर पांच दिन में जवाब मांगा है। कोर्ट अब इस मामले में 11 जुलाई को सुनवाई करेगा। वहीं उद्धव ठाकरे ने बागी मंत्रियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके मंत्रालयों को छीन लिया है। दूसरी तरफ एक जमीन घोटाले को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत को ईडी ने नोटिस भेजा है। उन्हें कल पेश होने के लिए कहा गया है।
तेलंगाना की टीआरएस सरकार में आईटी मंत्री केटी रामाराव ने भी महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि जबसे मोदी प्रधानमंत्री बने हैं तबसे आठ अलग-अलग राज्यों में भाजपा ने लोकतंत्र पर हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गोवा में भाजपा यह पहले भी कर चुकी है। इसके अलावा कुछ और राज्य जहां इस पार्टी के पास नंबर नहीं थे, वहां भी पार्टी ने ऐसा खिलवाड़ किया।
महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक स्थिति और संजय राउत को ED द्वारा समन किए जाने’ पर महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है कि ये राजनीति नहीं है, ये अब सर्कस बन गया है। महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने की अटकलों पर उन्होंने कहा कि हमें जीत का भरोसा है। हमारे साथ सारा प्यार है। जो धोखा देते हैं वे जीतते नहीं। जो भागते हैं वे जीतते नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर जवाब देने का समय बढ़ा दिया है। इन विधायकों को आज शाम साढ़े पांच बजे तक नोटिस का जवाब देना था। कोर्ट ने बागियों को जबाव देने के समय 12 जुलाई शाम 5.30 तक बढ़ा दिया। कोर्ट ने सभी 39 बागी विधायकों और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश भी राज्य सरकार को दिया है। महाराष्ट्र राज्य के वकील ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी 39 विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों के जीवन और संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे।