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लालकुआँ: क्षेत्र में बीमारियों का बढ़ता प्रकोप, सरकारी चिकित्सालय और नगर पंचायत निभा रहे औपचारिकताएँ

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लालकुआँ: क्षेत्र में बीमारियों का बढ़ता प्रकोप, सरकारी चिकित्सालय और नगर पंचायत निभा रहे औपचारिकताएँ

लालकुआँ एवं आसपास के क्षेत्र में डायरिया के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। साथ ही वायरल बुखार भी क्षेत्र में अपने पैर पसार रहा है। नगर के सरकारी चिकित्सालय में मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पाने के कारण उन्हें निजी चिकित्सकों से अपना इलाज करवाना पड़ रहा है।
लालकुआँ एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में डायरिया और वायरल बुखार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। तमाम मरीजों को लालकुआँ समेत आसपास के शहरों में स्थित निजी क्लीनिकों में अपना इलाज करवाने के लिए जाना पड़ रहा है। जहां भारी भीड़ के चलते मरीजों को अपनी बारी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। लेकिन सरकारी चिकित्सालय में बीमारियों का उचित इलाज ना होने के चलते मरीजों को नगर के निजी चिकित्सकों समेत हल्द्वानी, रूद्रपुर व किच्छा समेत आसपास के शहरों के निजी चिकित्सालयों में अपना इलाज करवाने पड़ता है।
वहीं बात करें नगर पंचायत लालकुआँ की तो क्षेत्र में पैर पसार रही उक्त बीमारियों को लेकर अधिक गंभीर दिखाई नहीं दे रही है। हांलाकि नगर पंचायत द्वारा नगर क्षेत्र में यदा-कदा ब्लीचिंग आदि का छिड़काव किया जा रहा है जो क्षेत्र में बढ़ रही बीमारियों को देखते हुए नाकाफी है। जबकि नगर पंचायत को नियमित तौर पर दवाओं का छिड़काव एवं क्षेत्र में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि उक्त बीमारियों की रोकथाम हो सके।
वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्षेत्र में डायरिया व डेंगू आदि के मरीज ना होने के तमाम दावे किए जा रहे हैं। जो अपनी पीठ खुद ही थपथपाने जैसा है।
जबकि हालात यह हैं कि लालकुआँ का सरकारी चिकित्सालय मरीजों का इलाज करने के बजाय केवल उन्हें रेफर करने में अधिक विश्वास करता दिखाई दे रहा है। ऐसे में मरीज इसमें इलाज कराने से बच रहे हैं और निजी चिकित्सालयों में अपना मंहगा इलाज कराने को विवश हैं।
बताते चलें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में डायरिया, वायरल बुखार और डेंगू बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रदेशभर के जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फॉगिंग की समुचित व्यवस्थाएं की जाए ओर अस्पतालों में मरीजों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। बीमारियों से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए। साथ ही स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद और नगर निगम इस ओर से लापरवाही बरतते दिखाई दे रहे हैं।
वहीं बात करें लालकुआँ की तो यहां नगर पंचायत द्वारा नगर के सभी वार्डों में नियमित तौर पर डेंगू के लार्वा को नष्ट करने एवं अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए ब्लीचिंग व अन्य दवाओं का नियमित तौर पर प्रयोग नहीं किया जा रहा है। ना ही क्षेत्र में साफ-सफाई का विशेष अभियान चलाया गया है जिससे उक्त जानलेवा बीमारियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
इन सब के बीच स्वास्थ्य विभाग और नगर पंचायत की ओर से क्षेत्र में डायरिया, वायरल बुखार और डेंगू जैसी बीमारियों की रोकथाम के बड़े-बड़े दावे कर खुद ही अपनी-अपनी पीठ थपथपाई जा रही है।

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