500 रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किए गए ज्वेलर समेत दोनों लोगों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को जेल भेज दिया। इससे पहले उन्होंने दो और लोगों के नाम उजागर किए। इससे साफ हो गया है कि यह गिरोह काफी बड़ा है, भले ही उनसे नौ हजार के नोट मिले। पुलिस का मानना है कि गिरोह का नेटवर्क पूरे राज्य और आसपास फैला हो सकता है।
बुधवार को हल्दूचौड़ चौकी प्रभारी गौरव जोशी ने चेकिंग के दौरान बेरी पढ़ाव के समीप शुभम वर्मा और राजू को गिरफ्तार किया था। वे दोनों कार से कहीं जा रहे थे, पुलिस ने पीछा कर बामुश्किल पकड़ा था। पुलिस को नौ हजार रुपये के पांच-पांच सौ रुपये के नकली नोट मिले थे। सीओ नितिन लोहनी के मुताबिक शुभम लालकुआं के जाने-माने एक ज्वेलर्स का बेटा है। उससे अपने पिता की फर्म की मुहर और एक चेकबुक भी बरामद हुई थी।
पहले तो यह बताया जा रहा था कि शुभम ही इस गिरोह का सरगना है। मगर शुभम ने पुलिस को बताया कि वह ये नकली नोट हाथीखाना के एक व्यक्ति और उसके साथी से लेकर आया था। इन नोटों को बाजार में खपाना था। उन दोनों की तलाश की गई, मगर वे अभी हाथ नहीं आ सके हैं। सीओ ने कहा कि बताए गए लोगों के पकड़े जाने के बाद बड़े गिरोह का खुलासा हो सकता है। सीओ ने बताया कि फिलहाल शुभम और राजू को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। जरूरत पड़ने पर उन्हें पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।
शुभम को पिता कर चुके हैं बेदखल
पुलिस को जांच में पता चला कि शुभम को उसके पिता संपत्ति से बेदखल कर चुके हैं। इसके बावजूद उसके घर और अन्य ठिकानों पर तलाशी ली गई। शुभम के बारे में यह भी पता चला है कि वह नकली सोना बेचकर भी काफी लोगों को चूना लगा चुका है। उसके कारनामों से तो लगता है कि सरगना वह हो सकता है। मगर शिवम ने जिन दो लोगों के नाम बताए हैं, उनमें से एक को वह सरगना कह रहा है। उनके बारे में छानबीन की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि शुभम ने कहीं अपने बचाव में तो दो अन्य लोगों के नाम नहीं बता दिए हैं। यह भी पता किया जा रहा है कि शुभम ने अब तक कहां-कहां नोट खपाए।