अयोध्या: गर्भगृह के मुख्य शिखर पर स्थापित किया गया कलश, जल्द ही 16 अन्य मंदिरों पर भी होगी स्थापना

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राममंदिर के मुख्य शिखर पर कलश स्थापना का काम शुरू कर दिया गया है। सतुआ संक्रांति के शुभ मुहूर्त पर राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह के मुख्य शिखर पर कलश पूजन विधि शुरू करके कलश स्थापित किया गया। तीन वैदिक आचार्यों ने कलश पूजन कराया।

राममंदिर समेत जन्मभूमि परिसर में बन रहे अन्य 16 मंदिरों के शिखर पर भी अब कलश स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जैसे-जैसे मंदिर के शिखर तैयार होते जाएंगे, उन पर कलश भी स्थापित होता जाएगा।

18 महीने में तैयार होगी राम मंदिर की चार किलोमीटर लंबी सुरक्षा दीवार
राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने सोमवार को बताया कि राम मंदिर के संपूर्ण परिसर में भवन निर्माण समिति की ओर से किए जा रहे काम छह महीने में समापन की तरफ बढ़ रहे हैं। तीन आवश्यक कार्य ऐसे हैं, जिनको शुरू किया जाना अति आवश्यक है। इसके अलावा किसी भी तरीके के नए निर्माण का काम नहीं किया जाएगा। प्रमुख रूप से तत्काल सुरक्षा की दृष्टि से दीवार का निर्माण होना है, जो लगभग चार किलोमीटर लंबी है और इसे 18 महीने में तैयार किया जाएगा। इसका निर्माण इंजीनियर इंडिया लिमिटेड की ओर से किया जाएगा।

राम मंदिर की सुरक्षा दीवार के लिए ऊंचाई और उसके स्वरूप को लेकर अंतिम निर्णय ले लिया गया है। मिट्टी के सॉइल टेस्ट के साथ ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि राम मंदिर में यात्री सुविधा केंद्र की क्षमता बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इसको लेकर राम मंदिर परिसर में 10 एकड़ भूमि पर शू रैक और 62 काउंटर बनाए जा रहे हैं। इसमें यात्री अपनी सुविधा से सामान रख सकेंगे। राम मंदिर परिसर में 10 एकड़ पर साधना स्थल या यूं कहा जाए कि एक पार्क बनाया जा रहा है। इसका धार्मिक गतिविधि में इस्तेमाल किया जाएगा। इस पार्क में रामभक्त अपने आराध्य का पूजन अर्चन राम जन्मभूमि परिसर में कर सकेंगे। इसके साथ ही इस पार्क को कुबेर टीला स्थित पार्क से मिलाया जाएगा ताकि दोनों स्थलों पर हरियाली बनी रहे।

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मिट्टी वितरित किए जाने को लेकर दिया बयान
राम मंदिर परिसर में रामभक्तों को मिट्टी वितरित किए जाने को लेकर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष ने खंडन करते हुए बताया कि 10 एकड़ भूमि जहां पर साधना स्थल या पार्क बनाया जाएगा, उस स्थल पर पटाई की आवश्यकता और वहीं पर मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। जन्मभूमि की मिट्टी पूजनीय है और हम नहीं चाहते कि हमारी और राम भक्तों की आस्था को किसी तरीके की ठेस पहुंचे। इसलिए हम रामजन्म भूमि परिसर में ही इस मिट्टी का उपयोग करेंगे।


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