यह उद्गार सत्यदेव मिश्र ने व्यक्त किया अखिल भारतीय चाणक परिषद की तैयारी बैठक चल रही थी उसमें श्री मिश्र ने बताया कि ब्राह्मण युग निर्माता होता है ब्राह्मण के हिसाब से योग चलता है जैसे सतयुग में ब्राम्हण पूजा पाठ करके योग में लीन रहता था तब सतयुग था फिर ब्राह्मण ने पूजा पाठ करके कुछ दान दक्षिणा लेना शुरू कर दिया तो द्वापर युग आ गया आ गया और आजकल ब्राह्मण पूजा पाठ करके उन्हें यहां खानपान करना दान दक्षिणा लेना प्रारंभ कर दिया तो कलयुग आ गया तो इसलिए ब्राह्मणों को स्वयं सुधरने की आवश्यकता है और आजकल तमाम राजनीतिक पार्टियां कोई Rajbhar समाज बना रहा , तो कोई पटेल समाज बना रहा है कोई माल समाज बना रहा है कोई निषाद समाज बना रहा है और सभी लोग अपने-अपने मनचाहा मंत्रालय ले रहे हैं लेकिन ब्राह्मणों में यह बात नहीं हो पाती है और ब्राह्मणों की उपेक्षा होती है कोई भी पार्टी हो हर प्रार्थी ब्राह्मणों की उपेक्षा ही करती है ब्राह्मण जो कुछ है वह अपने बलबूते पर है तो अब हम लोगों को इकट्ठा होना है और जागना है और ब्राह्मणों की उपेक्षा अब बर्दाश्त नहीं होगी यह 29 वा अखिल भारतीय चरण परिषद की स्थापना दिवस सूरजकुंड मंगल पांडे चौराहे पर 14 जनवरी को सभी ब्राह्मणों से निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर और इस स्थापना दिवस 14 जनवरी को सफल बनाएं और इसमें सभी लोगों को 14 जनवरी स्थापना दिवस को सफल बनाने के लिए जिम्मेदारियां सौंपी गई अविनाश तिवारी को अतिथियों को उचित स्थान बैठने के लिए और राम जी तिवारी को कौन किधर से आएगा कौन कहां बैठेगा यह व्यवस्था दी गई और राजन दुबे को गेट नंबर 2 पर लगाया गया है जिससे सभी ब्राह्मण बंधुओं को उचित स्थान देने का काम करेंगे विनीत मिश्रा को उस पंडाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है जहां पर चाणक्य धारा पुस्तक और जनेऊ का वितरण होगा इसी तरीके तमाम ब्राह्मणों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं
कलयुग में ब्राह्मणों को स्वयं सुधरने की है आवश्यकता।
