भगवान राम और देवी सीता पर इंस्टाग्राम में अश्लील टिप्पणी करने और ऐसा फिर से करने का दावा करने को ‘खतरनाक’ बताते हुए हाईकोर्ट ने आरोपित को जमानत देने से इन्कार कर दिया। आरोपी रियाज ने न केवल आपत्तिजनक टिप्पणी करना स्वीकार किया था, बल्कि भविष्य में भी इसे दोहराने का इरादा जताया था।
आरोपी रियाज पुत्र फतेह मोहम्मद हरिद्वार के बहादराबाद के बधेरी राजपूतान का रहने वाला है। दर्ज एफआईआर में कहा गया था कि जब एक पुलिस अधिकारी ने रियाज से पूछताछ की तो उसने हिंदू धर्म के खिलाफ इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियों को जारी रखने का दावा किया।
न्यायमूर्ति राकेश थापलियाल की एकलपीठ ने स्थिति को ‘खतरनाक’ बताते इस बात पर जोर दिया कि किसी को भी दूसरे धर्म के अनुयायियों के विश्वास को चोट पहुंचाने का अधिकार नहीं है। एफआईआर में दर्ज आरोप बहुत गंभीर है। जिस तरह से अभियुक्त ने इंस्टाग्राम अकाउंट में आपत्तिजनक टिप्पणी की और उसके बाद भविष्य में भी दोहराने की बात कही, वह बहुत ही गंभीर है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 12 मई को एएसआई दो कांस्टेबलों के साथ संदिग्ध वाहनों की जांच कर रहे थे। उन्हें कुछ लोगों से जानकारी मिली कि 32 वर्षीय एक युवक इंस्टाग्राम पर भगवान राम और देवी सीता के बारे में अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहा था। पुलिस ने मौके पर जाकर रियाज से पूछा कि उसने इंस्टाग्राम पर ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी क्यों बनाई तो उसने वह भविष्य में भी ऐसा ही करने की बात कही।
एफआईआर में कहा गया था कि एक उससे एक मोबाइल फोन बरामद किया गया, जिसमें उसकी इंस्टाग्राम आईडी सक्रिय थी। छानबीन से पता चला कि तीन दिन पहले उसने वह आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। रियाज को बीएनएस की धारा 196 और 299 के तहत गिरफ्तार किया गया था।









