हल्द्वानी:- प्रशासन और नगर निगम बना मूकदर्शक,स्टांप पर बेची जा रही दमुवाढूंगा में नाले की सरकारी जमीन, नाले पर अतिक्रमण अभी भी लगातार जारी |
नगर निगम और प्रशासन ने दमुवाढूंगा क्षेत्र पर नजर नहीं रखी तो वह दिन दूर नहीं होगा जब हल्द्वानी जलमग्न हो जाएगा, क्योंकि दमुवाढूंगा क्षेत्र में नाले की सरकारी जमीन बेची जा रही है। बिना किसी रजिस्ट्री के धड़ल्ले से जमीन की खरीद-फरोख्त स्टांप पेपर पर हो रही है। इसके बावजूद प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। जमीन बेचने वालों को राजनीतिक समर्थन प्राप्त है। जमीन खरीदने वाले यहां के नहीं बाहर के हैं। प्रशासन की जांच में यह मामला सामने आ चुका है।
कलसिया और रकसिया नाले ने पिछले साल आठ अगस्त को भारी तबाही मचाई थी। भारी बारिश के कारण आधा हल्द्वानी क्षेत्र जलमग्न हो गया था। कई घरों में पानी और मलबा भर गया था। लोगों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। तबाही का मुख्य कारण नालों पर किया गया अतिक्रमण था। माफिया नाले की जमीन को स्टांप पर बेच रहे हैं, फिर भी कोई सुध नहीं ले रहा।
20 रुपये से लेकर 100 रुपये के स्टांप अमर उजाला के हाथ लगे हैं। इन स्टांप पर नाले की जमीन बेची गई है। नाले पर अतिक्रमण अभी भी नहीं रुका है। उधर प्रशासन, नगर निगम के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। अगर ऐसी अतिक्रमण जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं जब बरसात में दोबारा हल्द्वानी पानी में डूबेगा।
शिकायत पर कार्रवाई करने गई थीं सिटी मजिस्ट्रेट-
दमुवाढूंगा क्षेत्र के एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत डीएम से की थी। डीएम से शिकायत के बाद करीब तीन महीने पहले सिटी मजिस्ट्रेट वहां पहुंची थीं। सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने पाया कि नाले के डूब क्षेत्र में जमीन स्टांप पर बेची है। सिटी मजिस्ट्रेट ने इसे तुड़वाया भी था। हालांकि बाद में यह कार्रवाई रूक गई।
नगर निगम ने किया था निरीक्षण-
डीएम वंदना सिंह ने नगर निगम को सरकारी जमीनों पर कब्जा लेने के निर्देश दिए थे। इसके बाद नगर निगम की टीम ने दमुवाढूंगा क्षेत्र में खाली पड़ी सरकारी जमीन का निरीक्षण किया। इसके बाद इसका डाटा भी तैयार किया गया लेकिन निगम ने यह जमीन कब्जे में नहीं ली। अभी भी वहां सरकारी जमीन खाली पड़ी है। इस जमीन पर माफिया की नजर है।
नाले की जमीन बेचने की पूर्व में शिकायत आई थी। प्रशासन की मदद से वहां अतिक्रमण भी तोड़ा गया था। डीएम के निर्देश पर हाल ही में नगर निगम ने दमुवाढूंगा क्षेत्र में खाली पड़ी जमीन का डाटा एकत्र किया। अभी इन जमीनों पर कब्जा नहीं लिया गया है।