केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या के विकास के लिए नीत नई-नई घोषणाएं कर रही है। तो वही करोड़ों का बजट भी दिया जा रहा है। इसके बावजूद रामनगरी के अधिक तर कुंड जलविहीन हो चुके हैं।और कुछ पर भूमाफिया की टेड़ी नजर है।ऐसे में अयोध्या के सीताकुंड मोहल्ले में स्थित अग्निकुंड पूरी तरह से जलविहीन हो रहा है और अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा कर रहा है। कुंड में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आयी हैं। कुंड के चारों तरफ रेलिंग अधिकतर स्थानों पर टूट गई है।कुंड का स्वरूप बदहाल होता जा रहा है। सांयकाल होते ही यह कुंड नशेड़ियों व अराजकतत्वों का अड्डा बन जाता है। प्रशासनिक उपेक्षा के कारण यह कुंड चारागाह बनने से भी रह गया है। अपने दर्शकों को हम बता दे की उर्वशी कुंड, बृहस्पति कुंड के बाद आज दर्शक राम नगरी अयोध्या में मौजूद अग्निकुंड की दशा देख रहे हैं। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता की राम नगरी अयोध्या में मौजूद करीब 40 कुंड है और ज्यादातर कुंड अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। लेकिन न ही नगर निगम प्रशासन इस पर ध्यान नही दे रहा है और ना ही विकास प्राधिकरण। ऐसे में उदासीनता का दंश झेलने को मजबूर हैं। वही तिवारी मंदिर के महंत गिरीश पति त्रिपाठी का कहना है कि अयोध्या मैं स्कंध पुराणों में बहुत से कुंडो का वर्णन है।और कुंड ऐसे में सोभा का विषय वस्तु नही है।उनका एक धार्मिक महत्व है। उन्होंने कहा कि सरकार अयोध्या को लेकर बहुत ही गंभीर है। उन्हें इस बात पर ध्यान रखना चाहिए की अयोध्या का जो पुराणिक सौंदर्य और यह पर जो कुंड बने हुए हैं। उनका जो आध्यात्मिक महत्व नष्ट ना हो। यह हमारी, समाज और सरकार की भी जिम्मेदारी है। उसको उनके पुराने स्वरूप में बेहाल करें।
योगी सरकार की नई-नई घोषणाएं के बाद भी रामनगरी के अधिकतर कुंड जलविहीन हो चुके हैं।।
