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न करें आप ये गलती:- मां ने सुबह 3.30 बजे पिलाया बच्ची को दूध, कुछ देर बाद हुई बेसुध, हाथ-पैर फूले और चली गई बच्ची की जान

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रियाणा के होडल स्थित गांव सौंदहद में मां ने  दूध पिलाने के दौरान छह महीने की बच्ची की हालत खराब हो गई। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। बच्ची की मौत का कारण सांस की नली में दूध जाना बताया जा रहा है। बच्ची को मौत से परिवार में मातम छा गया।

मिली जानकारी के अनुसार गांव सौन्दहद निवासी देवेंद्र की पत्नी ने करीब छह महीने पूर्व में परीधि को जन्म दिया। बच्ची के जन्म की खुशी में परिवार ने जश्न भी मनाया, लेकिन बृहस्पतिवार की सुबह साढ़े तीन बजे जैसे ही मां ने बच्ची को दूध पिलाया तो बच्ची बेसुध हो गई। परिवार के हाथ पांव फूल गए और तुरंत बच्ची को इलाज के लिए नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।
बच्चे मौत के लिए जिम्मेवार यह कारण
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कमलकांत ने बताया कि कई बार दूध बच्चे की फूड पाइप की बजाय विंड पाइप में चला जाता है, जिसे मेडिकल भाषा में ट्रेकिया कहते हैं। विंड पाइप से दूध फेफड़ों में चला जाता है, जिससे बच्चे की सांस रुक जाती है। इसलिए बच्चे को लिटाकर दूध पिलाने से परहेज करना चाहिए। डिलीवरी के बाद मां को ब्रेस्ट फीडिंग संबंधी डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए, ताकि फीडिंग संबंधी सही तरीके बारे जाना जा सके। इसके अलावा सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के समय यह जानकारी महिलाओं को मुहैया करवाई भी जाती है।

नवजात को दूध पिलाते समय बरतें यह सावधानियां
दूध पिलाते समय बच्चे का सिर पैरों से ऊंचा रखें। दूध पिलाकर बच्चे को उठकर कंधे लगाकर पीठ पर थपकियां दें। यह सुनिश्चित जरूर करें कि बच्चा दूध पीकर डकार जरूर ले। बच्चे को लिटाकर दूध पिलाने से परहेज करें। अगर बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो तो बिना देरी डॉक्टर से संपर्क करें। सांस लेते समय आवाज आने पर भी ध्यान रखें और बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं।
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