
उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता। यहां हर मोड़ पर प्रकृति अपना नया रंग दिखाती है। मसूरी, नैनीताल, औली जैसे पर्यटन स्थलों के बारे में तो आप जानते ही होंगे लेकिन उत्तराखंड के कुछ गांव ऐसे हैं, जहां कम ही लोग जाते हैं। उत्तराखंड के इन गांवों को छुपा हुआ रत्न समझा जा सकता है। कुछ तो गूगल मैप पर भी नहीं दिखते लेकिन एक बार अगर आप यहां पहुंच गए तो यकीनन आपको महसूस होगा कि आप किसी जन्नत में आ गए हैं। यहां न तो इंटरनेट है और ना ही शहरों जैसी सुविधाएं लेकिन यहां है सुकून है।
ग्वालदम
हिमालय की गोद में बसा यह शांत पहाड़ी गांव ग्वालदम कौसानी के पास स्थित है। यह खूबसूरत गांव पर्यटन स्थल है जो कि चमोली जिले में स्थित है। गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र के बीच शांत वातावरण, हरे-भरे जंगलों और सेब के बागों के लिए ग्वालदम मशहूर है। यहं खूबसूरत प्राकृतिक झीलें, देवदार के जंगल और टेढ़े-मेढ़े ट्रेल्स हैं। पर्यटकों के लिए यह स्थान ट्रेकिंग और कैंपिंग का परफेक्ट हिडन स्पॉट है।
माणा गांव
माणा गांव को भारत का पहला गांव कहा जाता है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह गांव बद्रीनाथ मंदिर के पास है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही धार्मिक महत्व और पौराणिक कथाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य लाजवाब है। भीड़ से बिल्कुल दूर और अनछुई प्रकृति का अनुभव प्राप्त करने के लिए माणा गांव आ सकते हैं।
कलाप
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में टोंस घाटी पर एक छोटा सा गांव है जो कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महाभारत काल से जुड़े इतिहास के कारण प्रसिद्ध है। इसे पांडवों का गांव भी कहा जाता है। कलाप में ट्रैकिंग और कैंपिंग का अनुभव ले सकते हैं। गांव तक पहुंचने के लिए ट्रेक करके जाना पड़ता है। यहां आपको आर्गेनिक खेती, पहाड़ी संस्कृति और आदिवासी रहन-सहन का अनुभव मिल सकता है।
कनकचौरी
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में एक छोटा सा गांव है, जिसका नाम कनकचौरी है। यहां भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय को समर्पित एक ऐतिहासिक कार्तिक स्वामी मंदिर है। सर्दियों में इस गांव में बर्फबारी होती है। यहां तक पहुंचने के लिए चंद्रशिला ट्रेक शुरुआती पड़ाव है। चारों तरफ देवदार और बुरांश के पेड़ों के बीच प्रकृति प्रेमी सुकून और खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं।
खरसाली
उत्तराखंड के यमुनोत्री घाटी में खरसाली नाम का एक छुपा हुआ गांव है। सर्दियों में जब यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं तो मां यमुना की मूर्ति यहीं लाई जाती है। गांव में पुरानी लकड़ी की मंदिर संरचनाएं और बर्फ से ढकी पहाड़ियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। यह पवित्रता और शांति का अद्भुत संगम स्थल है।
इन सभी गांवों नें आपको स्थानीय पहाड़ी खानपान, होमस्टे का अनुभव और स्थानीय संस्कृति को समझने का मौका मिलता है। यहां की वादियां और झीलें आपकी सोशल मीडिया स्टोरी के लिए परफेक्ट हैं। भीड़ से दूर पार्टनर संग रोमांटिक ट्रिप, हनीमून या सोलो ट्रैवलर्स के लिए यह स्पाॅट बेस्ट हैं।