पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ लगातार संगठन से दूरियां बनाते जा रहे हैं। संगठन की अहम बैठकों और कार्यक्रमों में जाखड़ अब नजर नहीं आते। बीते दिनों प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के समक्ष भी पद की जिम्मेदारी छोड़ने की पेशकश की थी। उस समय जाखड़ ने भाजपा हाईकमान को पंजाब के प्रति अपना नजरिया बदलने के लिए कहा था।
दरअसल, प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ लगातार पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहे हैं, बीते लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर टिकट बंटवारे को लेकर जाखड़ की नहीं चली। इसके बाद लुधियाना से भाजपा ने रवनीत सिंह बिट्टू को अपना प्रत्याशी घोषित किया था। बिट्टू के चुनाव हारने के बावजूद भाजपा हाईकमान ने केंद्रीय रेल राज्य मंत्री और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी।
पार्टी के नेताओं की मानें तो प्रधान बिट्टू के बढ़ते कद को लेकर नाराज हैं। हालांकि, शनिवार को चंडीगढ़ में पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत में एक सवाल पर मंत्री बिट्टू ने कहा कि वह प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ के दिशा निर्देश पर प्रदेश में पार्टी की गतिविधियों को आगे बढ़ाने का काम करेंगे और उन्होंने बाकी बातों पर विपक्ष की ओर से फैलाई का अफवाह का हवाला दिया।
पार्टी की बैठकों में शामिल नहीं हुए जाखड़
बिट्टू के केंद्रीय राज्य मंत्री बनते ही प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने संगठन व पार्टी की गतिविधियों से दूरी बना ली थी। हालांकि, बीते दिनों प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ चंडीगढ़ में हुई एनडीए की मुख्यमंत्री परिषद की बैठक के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर अगर बात करें तो इन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा के लिए प्रभारी विजय रूपाणी की अध्यक्षता में चंडीगढ़ स्थित कार्यालय और जालंधर में भी एक बैठक हुई थी, लेकिन वह दोनों ही बैठकों में शामिल नहीं हुए थे। इन दिनों वह दिल्ली में पार्टी हाईकमान से मिलने गए थे, तब उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष का पद छोड़ने की बात रखी थी।
उपचुनाव के बाद बदला जाएगा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के बाद प्रदेशाध्यक्ष का चेहरा बदला जा सकता है। पार्टी हाईकमान ने पंजाब से अपने नेता रवनीत सिंह बिट्टू को चुनाव हारने के बावजूद केंद्र में राज्य मंत्री की जगह देकर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ चेहरा बना दिया है। बिट्टू का पारिवारिक सियासी वजूद भी किसी से कम नहीं है, वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं। बिट्टू बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। प्रदेश इकाई के नेताओं की मानें तो पार्टी हाईकमान केंद्रीय राज्य मंत्री बिट्टू को पंजाब अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी सौंप सकती है, क्योंकि वह पंजाब की सियासत से लंबे अरसे से जुड़े हुए हैं।