शिव की भक्ति:- मन्नत की कांवड़.. अपने लाल को गोद में लिए पग-पग आगे बढ़ रही है मां,शिव की भक्ति में पीछे नहीं महिलाएं
प्रबल इच्छा और शिव की भक्ति की शक्ति के साथ शिवभक्त सुबह से शाम तक मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं। किसी मां के कंधे पर मन्नत की कांवड़ है जो अपने लाल को गोद में लिए पग-पग आगे बढ़ रही है तो कुछ बुजुर्ग किसी जवान की तरह पूरे जोश के साथ कांवड़ लेकर चल रहे हैं। युवाओं की टोली शिविरों में नाचते-गाते हुए शिव का गुणगान कर रही है। दिल्ली और हरियाणा से बड़ी संख्या में शिवभक्त बाईपास और दिल्ली रोड से गुजर रहे हैं। टोल प्लाजा से परतापुर तक 150 शिविरों के माध्यम से पूरा शहर कांवड़ियों की सेवा में जुटा है। महाकाल का रौद्र रूप, शिवलिंग, शिव परिवार लाइटों से सुसज्जित झांकी कांवड़ हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है।
65 की उम्र में 700 किमी की यात्रा
पलवल निवासी 65 वर्षीय रामकिशन ने बताया कि वह गंगोत्री से कांवड़ ला रहे हैं। पलवल से तीस किलोमीटर आगे हसनपुर में रहते हैं। 15 जुलाई को परिवार की खुशहाली और बच्चों की दीर्घ आयु के लिए कांवड़ उठाई। भगवान शिव की सभी पर कृपा और शांतिपूर्ण वातावरण रहे, इसके लिए पहली बार कांवड़ ला रहा हूं। 15 जुलाई को गंगात्री से चले और शनिवार को मेरठ पहुंचे हैं। उन्हें करीब 700 किलोमीटर की यात्रा करनी है और एक अगस्त को हसनपुर पहुंचना है।
मन्नत हुई पूरी तो बच्चों के लिए मां लाई कांवड़
गुरुग्राम निवासी अमित और संगीत ने बताया कि विवाह के चार साल बाद बेटे ध्रुव का जन्म हुआ। भगवान शिव से मन्नत मांगी थी। मन्नत पूरी होने पर बच्चे को लेकर कांवड़ ला रहे हैं। बच्चा अब ढेड़ साल का हो गया है। मोदीनगर निवासी पूजा ने बताया भगवान शिव की कृपा से वंश और विष्णु दो संतान मिली। बच्चों की लंबी उम्र और उज्ज्वल भविष्य के लिए बच्चों के साथ कांवड़ ला रहे हैं। सोनिया और बंटी ने बताया कि बच्चों की दीर्घ आयु के लिए कांवड़ ला रहे हैं। दिल्ली निवासी सोनिया और बंटी ने बताया कि वे 12 साल से कांवड़ ला रहे हैं।
व्हीलचेयर के सहारे जल लेने गया हरिद्वार
नेशनल हाईवे- 58 पर सावन के पवित्र महीने में अद्भुत नजारे देखने को मिल रहे हैं। दिल्ली 92 निवासी गुलशन पुत्र कश्मीरी लाल ने बताया कि वह टेंपो चलाने का काम करता था। सात महीने पूर्व एक हादसे में ट्रक का पहिया उसके पैर पर चढ़ गया था। उसके सीधे पैर की हड्डियां टूट गई थी। उसके पैर में लगभग 40 से अधिक टांके हैं। बताया कि उसने भगवान शिव से पैर ठीक होने की मन्नत मांगी थी। भगवान शिव ने उसकी मन्नत पूरी कर दी थी। वह व्हीलचेयर के सहारे कांवड़ यात्रा कर रहा है।
4 साल के शिवांश के सपने में आए भोले तो उठाई कांवड़
भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है। चार साल के बच्चे के सपने में आए और कांवड़ के लिए प्रेरित किया। दिल्ली के शिवांश ने यह बात अपने परिजनों को बताई तो उन्होंने बच्चे को पहली कांवड़ उठवाई। 22 जुलाई को सावन की रात्रि भगवान शिवशंकर दिखाई दिए। आशीर्वाद देते हुए कांवड़ उठाने को कहा। बताया कि बेटे ने रात्रि में ही पिता शिवांकर को उठाया और सपने के बारे में बताया। इस पर शिवांकर ने 23 जुलाई को हरिद्वार में छोटी कांवड़ बनवाकर बेटे को पहली कांवड़ उठवाई। शिवांश पैदल कांवड़ लेकर आ रहा है। शनिवार को वह दिल्ली जाने के लिए मोदीपुरम पहुंचे। इससे इतर बच्चों के साथ कांवड़ लाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
शिव महाकाल ग्रुप लाया कांवड़
कंकरखेड़ा व्यापार संघ के सेवा शिविर में पहुंचे शिव महाकाल ग्रुप के 24 युवाओं ने बताया कि उनकी टीम अच्छी नौकरी और मजबूत दोस्ती की मंशा के साथ कांवड़ ला रही है। मनोज, वीरू, विकास, राहुल, सन्नी आदि उनकी टीम में हैं। मनोज ने बताया कि वर्ष 2001 में वे कांवड़ लेने जा रहे थे, तब कंकरखेड़ा बाईपास पर बस और ट्रक की टक्कर हो गई। इसमें तीन कांवड़ियों की मौत हो गई और वह गंभीर रूप से घायल हुए लेकिन जान बच गई। तभी से वह निरंतर कांवड़ ला रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के साथ रेडक्राॅस ने लगाया शिविर
भारतीय रेडक्रास सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जीरो माइल शिवाजी चौक पर चिकित्सा शिविर लगाया गया। उद्घाटन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अशोक कटारिया, रेडक्रास के पूर्व चेयरमैन अजय मित्तल ने किया। सीएमओ अशोक कटारिया को सम्मानित किया गया। अजय मित्तल ने बताया कि शिविर में 24 घंटे सेवाएं दी जाएंगी। इस अवसर पर डॉ. अशोक अरोड़ा, पंकज मंगल, मनमोहन अग्रवाल, अजय गुप्ता, करुणेश नंदन गर्ग, पवन मित्तल रहे।