भारतीय सैन्य अकादमी की 157वीं पासिंग आउट परेड सिर्फ नए अफसरों के कंधों पर सजी स्टार्स की कहानी नहीं थी, बल्कि इसमें कुछ रिश्तों की चमक भी शामिल थी। ऐसी ही एक दिलचस्प और प्रेरक कहानी है लेफ्टिनेंट बने आयुष पाठक की। इनके लिए यह परेड सपनों की मंजिल भी थी और प्रेम की जीत का साक्ष्य भी।
वह आईएमए से पासआउट होकर लेफ्टिनेंट बने और उनकी प्रेमिका व मंगेतर रोहिनी सेना में कैप्टन हैं। मथुरा के रहने वाले आयुष पाठक का रिश्ता सेना से केवल पेशे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके परिवार की परंपरा और संस्कारों में रचा-बसा है। उनके पिता महादेव पाठक भारतीय वायुसेना में वारंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं, जबकि उनकी बहन निधि भारतीय सेना में कैप्टन के रूप में देश सेवा कर रही हैं।







