देहरादून में एक अधिवक्ता की असिस्टेंट ने एसीजेएम न्यायालय से निकलते ही दरवाजे पर दम तोड़ दिया। अधिवक्ता की सहायक बेहोश हालत में काफी देर तक दरवाजे पर ही पड़ी रही, लेकिन किसी कर्मचारी या अधिकारी ने उसकी सुध लेने की जहमत तक नहीं उठाई। करीब आधे घंटे बाद उसकी मौत हो गई, जिससे वकीलों में न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ आक्रोश फैल गया। घटना मंगलवार दोपहर की बताई जा रही है। बार एसोसिएशन देहरादून के सचिव अनिल शर्मा चीनी ने बताया कि खुड़बुड़ा मोहल्ले की रहने वाली रूपा (31) कचहरी परिसर में अधिवक्ता जाहिद के पास काम करती थी। बीते आठ सालों से वह उनकी सहायक थी और विधि की पढ़ाई भी कर रही थी। बताया कि रूपा मंगलवार को एसीजेएम तृतीय की कोर्ट में किसी काम से गई थी। वहां से निकलते समय अचानक वह दरवाजे पर ही गिर गईं। बकौल अनिल शर्मा, काफी देर तक वह वहां पड़ी रहीं, लेकिन किसी कर्मचारी या न्यायिक अधिकारी ने उसे देखा तक नहीं। कुछ देर बाद जब वहां अन्य अधिवक्ता पहुंचे तो उन्होंने एंबुलेंस बुलाई और रूपा को अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रूपा की मौत की वजह डॉक्टर हार्ट अटैक बता रहे हैं।
ध्यान दिया होता शायद बच जाती रूपा की जान
सचिव ने बताया कि न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों का यह अमानवीय कृत्य था। यदि वह उस वक्त ध्यान देते तो शायद रूपा की जान बच जाती। उधर, प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अधिवक्ता की असिस्टेंट करीब आधे घंटे तक कोर्ट के दरवाजे पर ही पड़ी रही, इस दौरान कोर्ट में कामकाज होता रहा और मौजूद न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने इसे अनदेखा कर दिया।
उधर, रूपा की मौत और न्यायिक अफसरों और कर्मियों की अनदेखी से खफा होकर बार एसोसिएशन ने एसीजेएम तृतीय की कोर्ट के बहिष्कार की घोषणा की। बार एसोसिएशन की घोषणा का कचहरी के सभी वकीलों ने समर्थन दिया। इसके बाद एसीजेएम तृतीय की कोर्ट में बुधवार को कोई काम नहीं होने दिया गया। इससे नाराज होकर बार एसोसिएशन की ओर से जिला जज को भी मजिस्ट्रेट को हटाने की मांग की गई है