महंगाई भत्ता: केंद्रीय कर्मचारियों को दिवाली से पहले सरकार का तोहफा, महंगाई भत्ते में 3% वृद्धि को मंजूरी

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सरकार के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिवाली का तोहफा देने की तैयारी कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को अपनी बैठक के दौरान महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में 3% की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। यह खबर कर्मचारी यूनियनों के हवाले से प्रकाशित उस रिपोर्ट के एक सप्ताह बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में 3% के इजाफे का एलान करने वाला है।

 

महंगाई भत्ता मूल वेतन के 50% से बढ़कर 53% हो जाएगा

हालांकि 9 अक्टूबर को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद महंगाई भत्ते में वृद्धि की उम्मीद थी, लेकिन कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को इस संशोधन के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, इस नवीनतम वृद्धि के तहत महंगाई भत्ता मूल वेतन के 50% से बढ़कर 53% हो जाएगा। यह वृद्धि जुलाई 2024 से लागू होगी। महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में अर्धवार्षिक संशोधन का प्रभाव लगभग एक करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर पड़ता है। इसका मकसद महंगाई के असर को कम करना है।

 

मार्च महीने में चार फीसदी बढ़ाया गया था महंगाई भत्ता

मार्च में सरकार ने महंगाई भत्ते में 4% की बढ़ोतरी की थी, जो जनवरी 2024 से प्रभावी होगा, जिससे कुल महंगाई भत्ता मूल वेतन के 46% से बढ़कर 50% हो गई थी। इस भत्ते की गणना पिछले 12 महीनों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के औसत पर आधारित है, यह सरकारी वेतन और पेंशन के निर्धारण में एक महत्वपूर्ण घटक माना जाता है। सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, जब महंगाई भत्ता मूल वेतन का 50% हो जाता है, तो मकान किराया भत्ता समेत कई भत्ते स्वतः संशोधन के दायरे में आ जाते हैं।

कर्मचारियों को तीन महीने का एरियर भी मिलेगा

केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाने का एलान जुलाई से दिसंबर महीने तक के लिए किया गया है। ऐसे में कर्मचारियों को अक्तूबर महीने के वेतन के साथ जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने के एरियर का भी भुगतान किया जाएगा।

कैसे की जाती है महंगाई भत्ते की गणना?

केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता उनके बेसिक वेतन के आधार पर तय किया जाता है। मान लीजिये कि किसी कर्मचारी का मूल वेतन 30 हजार रुपये है और महंगाई भत्ता तीन फीसदी बढ़ने की स्थिति में कर्मचारी का वेतन 900 रुपये बढ़ जाएगा। अगर मूल वेतन, डीए और आवास भत्ता यानी एचआरए जोड़कर कर्मी को पहले 55000 हजार रुपये मिलता था, तो अब उसे 55,900 रुपये का भुगतान किया जाएगा।

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क्या है डीए और डीआर में अंतर?

केंद्र और राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई के असर से निजात दिलाने के लिए महंगाई भत्ता यानी डीए (Dearness Allowance) देती है। दूसरी ओर, इसी मकसद से पेंशनधारकों को जो राहत दी जाती है उसे महंगाई राहत यानी डीआर (Dearness Relief) कहा जाता है। आमतौर पर साल में दो बार यानी जनवरी और जुलाई में इसमें बढ़ोतरी का एलान किया जाता है। फिलहाल एक करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनधारकों को इसका लाभ दिया जा रहा है। इससे पहले मार्च महीने में सरकार ने महंगाई भत्ते को चार फीसदी बढ़ाने का एलान किया था।

कर्मचारी संगठनों ने की थी बिना देरी किए एलान की मांग

‘कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स’ के महासचिव एसबी यादव ने 30 सितंबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए की दरों में बिना कोई देरी किए वृद्धि करने की मांग की थी। पत्र में कहा गया कि इन भत्तों का भुगतान अक्तूबर के पहले सप्ताह में हो जाता था। इस बार केंद्र सरकार ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। अगर अक्तूबर में केंद्र सरकार, भत्तों व बोनस देने की घोषणा करती है तो उनका भुगतान नवंबर में हो सकेगा। दूसरी तरफ इन भत्तों को तय समय पर जारी न कर सरकार खुद लाभ कमा रही है।


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