कोरोना: फिर तेजी से बढ़ने लगा कोरोना, एक हफ्ते में ही संक्रमण में 28% की वृद्धि,फिर आ गया कोई नया वैरिएंट?

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पिछले कई महीनों से कोरोनावायरस के मामले दुनियाभर में काफी नियंत्रित देखे जा रहे थे, पर हालिया रिपोर्ट्स एक बार फिर से चिंता बढ़ाने वाली हैं। ब्लूमबर्ग में प्रकाशित एक रिपोर्ट से पता चलता है कि सिंगापुर-हांगकांग सहित आसपास के कई हिस्सों में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। यहां के  स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को चेतावनी दी है कि संक्रमण से बचे रहने को लेकर एक बार फिर से आवश्यक उपाय शुरू कर दें।

जारी किए गए आंकड़ों से पता चला है कि एशियाई देशों में एक बार फिर से कोरोना के मामले सुर्खियों में है। सिंगापुर-हांगकांग में न सिर्फ संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है बल्कि यहां अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।इन देशों में बढ़ते कोरोना के जोखिमों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, क्या कोरोना का फिर से कोई नया वैरिएंट सामने आ गया है? क्या एक बार फिर से सभी लोगों को अलर्ट हो जाना चाहिए? आइए समझते हैं।

 

एशियाई देशों के साथ अमेरिका में भी कोरोना संकट

लगभग एक साल में पहली बार सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक औपचारिक कोविड रिपोर्ट अपडेट जारी की है, जिसमें केवल एक सप्ताह में ही मामलों में 28% की वृद्धि बताई गई है, जिससे संक्रमण के मामले बढ़कर 14,200 हो गए हैं। इतना ही नहीं अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

यहां गौर करने वाली बात ये है कि कोरोना के मामलों में वृद्धि सिर्फ एशियाई देशों तक ही सीमित नहीं है, पिछले कुछ हफ्तों से अमेरिका के भी कई हिस्सों में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही थी, हालांकि अब इसमें काफी सुधार है

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यूएस इमरजेंसी डिपार्टमेंट से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक यहां आपातकालीन विभाग में आने वालों की संख्या में पिछले सप्ताह 19.5% तक की कमी आई है।

 

 

 कोई नया वैरिएंट आ गया है?

दुनिया के कई हिस्सों में हाल के दिनों में आए कोरोना के मामलों में उछाल ने लोगों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या वायरस का कोई नया वैरिएंट आ गया है?

सिंगापुर के स्वास्थ्य अधिकारियों ने तो बढ़ते मामलों के लिए किसी नए वैरिएंट को जिम्मेदार नहीं माना है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि कमजोर होती प्रतिरक्षा के कारण वायरस अधिक आसानी से फैल रहा है।

वहीं यूएस स्थित नेबरास्क मेडिसिन में संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ मार्क.ई.रप बताते हैं, वर्तमान में अमेरिका सहित दुनिया के कई हिस्सों में सबसे प्रमुख वैरिएंट LP.8.1 है, जिसके 70% मामले हैं। इसके बाद XFC है जिसके 9% मामले हैं। ओमिक्रॉन का मूल वैरिएंट अब लगभग खत्म हो चुका है और फिलहाल इसके सब-वैरिएंट्स के ही मामले देखे जा रहे हैं।

 

 

 

फिर क्यों बढ़ रहे हैं संक्रमण के मामले?

मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि चूंकि अभी तक किसी नए वैरिएंट की पहचान नहीं की गई है, इसलिए अनुमान है कि मामलों में वृद्धि जनसंख्या में प्रतिरोधक क्षमता में कमी सहित अन्य कारकों के कारण हो सकती है।

यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि एशिया के दो सबसे महत्वपूर्ण शहरों में वृद्धि तब हुई है जब पिछले कुछ महीनों से संक्रमण की दर स्थिर थी, हालांकि समय-समय पर कई हिस्सों में छोटी-छोटी लहरें जरूर देखी जाती रही थीं।

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संक्रमण के मामलों और इसके कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए अधिकारियों ने सभी लोगों को डॉक्टर की सलाह पर अपडेटेड वैक्सीन लेने की सलाह दी है। उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों जैसे बुजुर्गों-कोमोरबिडिटी के शिकार लोगों को पहले से ही सालाना कोविड-19 वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती रही है।

 

 

 

अस्वीकरण: “न्यू भारत” की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को “न्यू भारत” के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। “न्यू भारत” लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।


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