
रामचरितमानस पर टिप्पणी राजनीतिक षड्यंत्रः- किशोर
अयोध्या
महावीर मंदिर ट्रस्ट व अमावांराम मंदिर ट्रस्ट के सचिव व पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर का कहना है कि श्रीरामचरितमानस की रचना संवत् 1631 यानि 1574 ईस्वी में हुई थी। वर्ष 2024 में इस ग्रंथ की रचना के 450 साल होंगे। इस अवसर पर रामायण शोध संस्थान के तत्वावधान में इसी साल रामनवमी से उत्सव का शुभारंभ होगा और पांडुलिपियों का गहन अध्ययन कर प्रमाणिक संस्करण का प्रकाशन किया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने दी।
उन्होंने श्रीरामचरितमानस पर की गई टिप्पणियों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया। अमावांराम मंदिर ट्रस्ट के सचिव व पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य कुणाल बताते हैं कि श्रीरामचरित मानस में 1880-90 के दशक में मूल पाठ में भूलवश अथवा षड्यंत्रपूर्वक बदलाव किया गया। पुनः गीता प्रेस गोरखपुर की ओर से 1930 में ग्रंथ का प्रकाशन किया गया था जिसके बाद यह ग्रंथ घर- घर पहुंच गया और फिर भ्रांतियां भी फैल गई।