छत्तीसगढ़- बच्चों को विशेष थेरेपी से किया शिक्षा के प्रति जागरूक,वही विश्व आर्टिज्म जागरूकता दिवस भी मनाया गया।
रायपुर
50 से भी अधिक बच्चों को विशेष थेरेपी से किया शिक्षा के प्रति जागरूक एवं कोपल वाणी विशेष विद्यालय का स्थापना दिवस और विश्व आर्टिज्म जागरूकता दिवस मनाया गया।
कोपल वाणी विशेष विद्यालय का स्थापना दिवस और विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाया गया। 3 दिवसीय इस कार्यक्रम में पहले दिन ऑटिज्म से ग्रसित बच्चों के अभिभावकों लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे 50 पेरेंट्स शामिल हुए ,कोपल वाणी में शीघ्र पहचान शीघ्र हस्तक्षेप के तहत बच्चों को ढाई साल से स्पीच थेरेपी, बिहेवियर थेरेपी, स्पेशल एजुकेशन दिया जाता है। ऑटिज्म से ग्रसित बच्चे प्रायः 1.30 वर्ष की उम्र के बाद चिन्हांकित हो पाते हैं ।ऑटिज्म का मतलब स्वलीनता है ,जिसमे बच्चे अपने आप में लीन रहते है ,यह व्यवहारात्मक समस्या है ,जिसमें बच्चे एक जगह स्थाई नहीं बैठते पूरा समय यहां वहां होते हैं, बातों को समझने में विलंब करते हैं ,हाथों की फ्लैपिंग करते हैं ,परिवर्तन को स्वीकार नहीं करते हैं चाहे वह परिवर्तन कपड़े में हो, टॉयलेट के प्लेस में हो या खाने से संबंधित हो। इन बच्चों की वाणी और भाषा विकास भी बहुत विलंब होता है कुछ विशेष थेरेपी के दौरान उनकी जीवनशैली परिवर्तित हो सकती है जैसे स्पीच थेरेपी ,फिजियोथैरेपी,ऑक्यूपेशनल थेरेपी, बिहेवियर थेरेपी की जागरूकता कार्यशाला कोपलवाणी में रखी गई जिसमें ऑटिज्म क्या है उसके लक्षण क्या है, बच्चों को ट्रेनिंग कैसे दी जा सकती है, कैसे उनकी अंडरस्टैंडिंग लेवल को बढ़ाया जा सकता है इसपर महत्वपूर्ण जानकारियां विशेषज्ञों द्वारा दी गई। डॉ चानन गोयल जी ने बताया कि बच्चो को व्यवहारात्मक समस्या जो है वो किस वजह से ये समझना और उसका समाधान करना आवश्यक है,,सेंसरी इश्यू बहुत होने से बच्चो को उसके अनुसार थेरेपी देना आवश्यक है।श्री विनय शर्मा स्पेशल एजुकेटर ने बच्चों को कैसे हैंडल करें, घर में अभीभावक कैसे होम बेस्ड ट्रेनिंग दे सकते है ,मैटेरियल बना सकते हैं, पर चर्चा की।
श्री अनुराग बागड़े विशेष शिक्षक कृष्ण पब्लिक स्कूल ने स्कूल में कैसे यह बच्चे एडमिशन ले सकते है, परीक्षा में क्या सुविधाएं प्राप्त हो सकती है ,क्या सुविधाएं मिलेंगी, कैसे सामान्य स्कूल में आएंगे,इस पर जानकारियां साझा की।डाइटिशन हिनल चौहान ने डाइट प्लान के बारे में जानकारी दी,इन बच्चों को खाने में क्या देना है या नहीं देना है। अंत में अभिभावकों ने स्वयं के अनुभव साझा किए और कुछ ऑटिज्म से ग्रसित बच्चो ने जिनकी पहले स्पीच नहीं थी उन्होंने गाने गा कर ,डांस कर के, इंस्ट्रूमेंट बजा कर, हूला लूप में अपनी प्रस्तुति देकर लोगों को प्रेरित किया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में थाना प्रभारी श्रीमती श्रुति सिंह तथा दुर्गा कॉलेज की प्रोफेसर श्रीमती सुनीता चंसोरिया उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति उपाध्याय ने किया।
इसके साथ ही दुसरे दिन अग्रसेन कॉलेज के स्टूडेंट्स के साथ टीचर लर्निंग मैटेरियल बच्चो के साथ मिल कर बनाए गए जिससे बच्चो को पढ़ाई करने में सुविधा मिल सके।
तीसरे दिन कोपलवानी संस्था का 19वा स्थापना दिवस मनाया गया जिसमे सर्वप्रथम कोपलवाणी में कार्यरत सभी शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ सफाई कर्मचारी, केयर टेकर, रसोइया सभी का सम्मान किया गया। मुक बधीर बच्चो ने स्वयं से बैनर बनाए और एक रैली निकाली।इस रैली में बच्चो के साथ कोपलवाणी की संस्थापिका पद्मा शर्मा,अध्यक्ष डॉ शेषा गुहा सक्सेना,लायंस क्लब के जे एस ठाकुर एवं कोपलवाणी के सभी शिक्षक सम्मिलित हुए।