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सीबीएसई: साल में 2 बार परीक्षा..विषयों की आजादी और स्कूलों को मिली छूट, यहां देखें सीबीएसई की मुख्य घोषणाएं

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में कई बड़े फैसले लिए हैं, जो छात्रों और स्कूलों के लिए बहुत फायदेमंद होंगे। इन बदलावों का मकसद शिक्षा प्रणाली को आसान, लचीला और बेहतर बनाना है, ताकि छात्रों को पढ़ाई का ज्यादा फायदा मिले और स्कूलों को काम करने में सहूलियत हो। सीबीएसई लगातार ऐसी नई नीतियां बना रहा है, जिससे परीक्षा प्रणाली और स्कूलों की कार्यप्रणाली पहले से ज्यादा प्रभावी हो सके।

पिछले एक हफ्ते में सीबीएसई ने कुछ अहम घोषणाएं की हैं, जिनका असर सीधा छात्रों और स्कूलों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं ये बड़े बदलाव:

 

सीबीएसई ने स्कूलों की मान्यता (संबद्धता) प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) से जुड़े नियमों में संशोधन किया है। अब स्कूलों को संबद्धता प्राप्त करने के लिए पहले से अधिक सुविधाजनक प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिससे नए स्कूलों को मान्यता प्राप्त करने में अनावश्यक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। इस फैसले से शिक्षा संस्थानों की संख्या बढ़ेगी और ज्यादा से ज्यादा छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

 

सीबीएसई ने यह निर्णय लिया है कि विशेष आवश्यकता वाले छात्रों (Children with Special Needs – CWSD) की परीक्षाओं में सहायता करने वाले स्क्राइब्स (Scribes) को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। अब तक, जो व्यक्ति विकलांग छात्रों की परीक्षा में लिखने में सहायता करते थे, उन्हें कोई औपचारिक मान्यता नहीं दी जाती थी। इस फैसले के बाद, स्क्राइब्स को प्रमाण पत्र मिलेगा, जिससे भविष्य में वे इसे अपने करियर में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह कदम न केवल विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को सहायता देने के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि समाज में समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास भी है।

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सीबीएसई ने कक्षा 10वीं की परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए यह फैसला लिया है कि अब छात्र साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे। इसका मतलब यह है कि यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त नहीं कर पाता है, तो उसे दूसरी बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा, जिससे वह अपने अंकों में सुधार कर सके। यह निर्णय छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम करेगा और उन्हें अपनी तैयारी को बेहतर बनाने के लिए एक और अवसर प्रदान करेगा।

 

सीबीएसई ने स्कूल संबद्धता नियमों में छूट देते हुए यह घोषणा की है कि अब स्कूल अपनी नई शाखाएं खोल सकते हैं। पहले, नए स्कूल खोलने और मौजूदा स्कूलों की शाखाएं खोलने के लिए सख्त नियम थे, जिनमें काफी जटिलताएं थीं। इस फैसले से शिक्षा का विस्तार होगा और देश के अलग-अलग हिस्सों में ज्यादा स्कूल खुल सकेंगे, जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का अधिक अवसर मिलेगा। इससे विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच आसान होगी।

 

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शिक्षा प्रणाली को अधिक लचीला और छात्र हितैषी बनाने के लिए एक और बड़ा बदलाव यह भी किया है कि अब कक्षा 10वीं के छात्र साल में दूसरी बार परीक्षा देते समय अपनी पसंद से विषयों का चयन कर सकेंगे। इससे परीक्षाओं की अवधि कम हो जाएगी। इस मसौदे की मुख्य विशेषता परीक्षा की वर्तमान योजना को जारी रखना है।