चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस पार्टी में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को एक ट्वीट में लिखा कि प्रशांत किशोर की ओर से दी गई एक प्रस्तुति और उनके साथ विचार-विमर्श करने के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक इंपावर्ड एक्शन ग्रुप (ईएजी) 2024 का गठन किया था।
सुरजेवाला ने कहा कि प्रशांत किशोर को इस समूह के हिस्से के तौर पर परिभाषित जिम्मेदारी के साथ शामिल होने का निमंत्रण दिया गया था, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया है। हम पार्टी के लिए उनके प्रयासों और सुझावों की सराहना करते हैं।
कांग्रेस में न शामिल होने पर क्या बोले प्रशांत किशोर
उधर, प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट में कहा कि मैंने ईएजी के हिस्से के तौर पर पार्टी में शामिल होने की कांग्रेस की पेशकश को अस्वीकार कर दिया है और चुनावों के लिए जिम्मेदारी ली है। मेरे विचार में सांगठनिक समस्याओं को सुधारों के जरिए ठीक करने के लिए पार्टी को मुझसे ज्यादा नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।
जानकारी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बात से साफ इनकार कर दिया था कि प्रशांत किशोर अगर पार्टी में शामिल होते हैं तो उन्हें कोई विशेष ट्रीटमेंट दिया जाएगा। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया था कि उनके पार्टी शामिल होने की शर्त पर संगठन में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने प्रशांत किशोर को शामिल करने पर आपत्ति भी जताई थी। राजस्थान सरकार में मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा था कि संगठन को मजबूत और ताकतवर केवल नेतृत्व और कार्यकर्ता ही बना सकते हैं। कोई सलाहकार और सेवा प्रदाता नहीं। कांग्रेस नेतृत्व को चाणक्य की जरूरत है न कि व्यापारी की ।
प्रशांत किशोर 16 अप्रैल को सोनिया गांधी से मिले थे
16 अप्रैल को प्रशांत किशोर ने सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। यह बैठक करीब चार घंटे तक चली थी और इस दौरान किशोर ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर एक प्रस्तुति दी थी। इसमें उन्होंने इन चुनावों को लेकर कांग्रेस को किस तरह तैयारी करनी चाहिए इस पर बात की थी और सुझाव दिए थे।
‘आई-पैक’ का टीआरएस से जुड़ाव तो नहीं है वजह?
प्रशांत किशोर की इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) ने तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) के साथ अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर एक समझौता किया है। हालांकि, प्रशांत अब आई-पैक से जुड़े नहीं हैं, लेकिन कुछ कांग्रेस नेताओं ने इस समझौते को लेकर सख्त आपत्ति व्यक्त की थी।