अयोध्या- झूला पड़ा मणि पर्वत पर हम सखी झूले जावे ना

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अयोध्या- झूला पड़ा मणि पर्वत पर हम सखी झूले जावे ना

अयोध्या में सदियों से मणिपर्वत पर श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को झूलन महोत्सव मनाया जाता है और सभी स्थानों से विग्रह मणि पर्वत पर पहुंचते हैं झूला झूलते हैं और उसी दिन से अयोध्या के लगभग सभी मंदिरों में झूलन महोत्सव प्रारंभ होता है। महापौर बनने के बाद तीन कलसा तिवारी मंदिर के महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने पिछले वर्ष मणि पर्वत पर मणि महोत्सव का शुभारंभ किया था जिसमें कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर के इस मेले के रौनक को कई गुना बढ़ा दिया था और द्वितीय वर्ष यह उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दीप प्रज्वलन कर महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, कौशल्यानंद गोवर्धन मिश्र, महंत महेश योगी, एम बी दास, का सु साकेत के पूर्व प्राचार्य अजय मोहन श्रीवास्तव किया।

मणि महोत्सव कार्यक्रम के संयोजक श्रीनिवास शास्त्री ने बताया कि पंडित ज्वाला प्रसाद संगीत विद्यालय के प्रधानाचार्य सत्य प्रकाश मिश्रा कि शिष्या अंशिका के द्वारा गणेश वंदना जय गणपति वंदन गणनायक, तेरी छवि अति सुंदर सुखदायक के गीत द्वारा हुई।
तदुपरान्त झूला पड़ा मणि पर्वत पर, हम सखी झूलै जावे ना, गीत पर
कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सबको मंत्र मुक्त कर दिया।

मणि महोत्सव कार्यक्रम का संचालन बृजमोहन तिवारी जी ने किया।

इस अवसर कमला दास रामायणी आचार्य रत्नेश मिश्र तथा कौशल्या नंद वर्धन मिश्र ने प्रवचन सत्र में बताया कि त्रेतायुग में यह स्थान मणियों का पर्वत होता था और हमेशा जगमगाता रहता था। शास्त्रों के अनुसार उसे समय प्रभु श्री राम अपने भाइयों और माता-पिता के साथ यहीं पर झूला झूलने आते थे और तभी से यह श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया हरियाली तीज के दिन अयोध्या के सभी मंदिरों से भगवान यहां आते हैं झूला झूलते हैं और इस दिन से अयोध्या में झूला महोत्सव प्रारंभ होता है।
उन्होंने कहा कि इस मेले की भव्यता को बढ़ाने के लिए नगर निगम ने मणि महोत्सव मनाने का निर्णय लिया जिससे कि अयोध्या में आने-वाले श्रद्धालुओं को अयोध्या के वैभव सांस्कृतिक विरासत से परिचय कराया जाए और इसकी महत्ता को बढ़ाया जाए।

उक्त कार्यक्रम में इंजीनियर रवि तिवारी, पार्षद विनय जायसवाल, राजेश गौड, चंदन सिंह, अनूप श्रीवास्तव, किशन मौर्य, मनी महोत्सव समिति के अध्यक्ष भवानी प्रसाद तिवारी, आदित्य प्रकाश दुबे, अवध बिहारी साहू, एम बी दास, चंद्रांशु जी महाराज, ब्रिजेश पासवान, अवनीश दुबे, रमेश गुप्ता राणा, इंद्रजीत शुक्ला आदि हजारों लोगों उपस्थित रहे।

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