अयोध्या राम मंदिर अयोध्या में बनने वाली भगवान राम की प्रतिमा 251 मीटर ऊंची बनेगी जो स्टेच्यू आफ यूनिटी से 69 मीटर अधिक ऊंची होगी। वहीं लता स्मृति चौक की शोभा बढ़ाने के लिए 40 फीट लंबी कांस्य वीणा रामनगरी में आ चुकी हैं
देश के प्रख्यात मूर्तिकार पद्मभूषण राम वी सुतार रामनगरी में प्रस्तावित विश्व की सर्वाधिक ऊंची भगवान राम की प्रतिमा भी तैयार करेंगे। राम वी सुतार और उनके पुत्र अनिल राम सुतार इन दिनों अयोध्या में हैं। नयाघाट पर लता स्मृति चौक में वीणा को स्थापित कराने के लिए वे यहां पहुंचे हैं।
राम वी सुतार कहते हैं कि कांस्य से निर्मित लोक नायक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की प्रतिमा 251 मीटर ऊंची होगी। सुतार ने ही गुजरात में स्टेच्यू आफ यूनिटी के रूप में सरदार पटेल की प्रतिमा का निर्माण किया है, जिसकी ऊंचाई 182 मीटर है। भगवान राम की प्रतिमा इससे 69 मीटर अधिक ऊंची होगी। अनिल सुतार कहते हैं कि भगवान राम की प्रतिमा साहिबाबाद स्थित उनकी कार्यशाला में ही तैयार की जाएगी। एक हजार कुशल कारीगरों ने सरदार पटेल की प्रतिमा साढ़े तीन वर्ष में तैयार की थी, जबकि भगवान राम की प्रतिमा बनाने में दो हजार के करीब कारीगर लगेंगे।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष एक प्रतिस्पर्धा में प्रतिमा का माडल प्रस्तुत किया गया था, जिसके निर्माण की अनुमति सीएम ने प्रदान की है। अभी प्रतिमा लगने के लिए भूमि खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। भूमि उपलब्ध होने के बाद करीब चार वर्ष में प्रतिमा का निर्माण कर लिया जाएगा। प्रतिमा की डिजाइन अनिल राम सुतार ने तैयार की है। मुंबई में बन रही छत्रपति शिवाजी महराज की 212 मीटर एवं बाबा साहब की 137.2 मीटर ऊंची प्रतिमा तथा कर्नाटक में 46.6 मीटर ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा भी राम सुतार तैयार कर रहे हैं।
रामनगरी में निर्माणाधीन लता चौक कई मायनों में विशेष होगा। इसका सबसे बड़ा आकर्षण स्मृति स्थल पर लगने वाली कांस्य से बनी वीणा की अनुकृति होगी। वीणा की यह देश में सबसे बड़ी अनुकृति होगी। इसका निर्माण मूर्तिकार राम वी सुतार एवं उनके पुत्र अनिल राम सुतार ने किया है
वीणा की अनुकृति तैयार करने में पिता का सहयोग करने वाले अनिल राम सुतार बताते हैं कि इस वीणा को बनाने में बहुत ही लगन के साथ कार्य किया गया है, जिसका परिणाम है कि एक माह के भीतर वीणा बन कर तैयार हो गई। नोएडा के साहिबाबाद स्थित कार्यशाला में इस वीणा का निर्माण हुआ है।