प्रख्यात समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया की परिकल्पना पर पहले चित्रकूट और बाद में अयोध्या में रामायण मेले का आयोजन शुरू किया गया था। कांग्रेस शासन में तत्कालीन सीएम श्रीपति मिश्र ने 1982 में अयोध्या के रामायण मेला का उद्घाटन किया था। इसके लिए रामायण मेला समिति को व्यवस्था और संतों के प्रवचन आदि के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई। सरकारी तौर पर तभी से संस्कृति विभाग अपने फंड से सांस्कृतिक कार्यक्रमों और रामलीलाओं के प्रस्तुतीकरण का दायित्व उठाता आ रहा है।
पांच दिसंबर
रामलीला- हरे रामदास, अयोध्या (श्री जानकी आदर्श रामलील मंडल, अयोध्या)
पखावज वादन- विजय रामदास, अयोध्या
राम लाल नेहछू गायन- शांभवी शुक्ला, प्रयागराज
भजन गायन- विजय अग्निहोत्री, लखनऊ
छह दिसंबर
रामलीला- हरे रामदास, अयोध्या (श्री जानकी आदर्श रामलील मंडल, अयोध्या)
अवधी लोक गायन- संजोली पांडेय, अयोध्या
अवधी लोक गायन एवं नृत्य नाटिका- क्षमा वर्मा, अयोध्या
सात दिसंबर
भजन गायन- वीरेंद्र सिंघल, झांसी
रामलीला – मनीष दास अयोध्या (अवध आदर्श रामलीला मंडल, अयोध्या)
पखावज वादन- राजीव रंजन पांडेय, अयोध्या
लोक गायन- जान्हवी पांडेय, अंबेडकर नगर
भजन / लोक गायन- यामिनी पांडेय, लखनऊ
आठ दिसंबर
रामलीला- मनीष दास अयोध्या (अवध आदर्श रामलीला मंडल, अयोध्या)
भजन एवं लोक गायन- कल्पना एस वर्मन, अयोध्या
जादू- श्री राजेश श्रीवास्तव, अमेठी
नृत्य नाटिका- संगीता आहूजा, अयोध्या
भजन गायन- मगन मिश्रा, लखनऊ