
भारत की पूर्वोत्तर सीमा सिक्किम में तैनात अयोध्या के लाल लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी शहीद हो गए। वह महज 24 साल के थे। शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहीद के परिजनों को 50 लाख देने का एलान किया था। शनिवार को जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि अनुग्रह राशि के 50 लाख रुपये शहीद की मां के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए गए हैं।
प्रदेश के कृषि मंत्री और जिले के प्रभारी सूर्य प्रताप शाही ने इसका प्रमाण पत्र उनकी मां को सौंपा। शहीद लेफ्टिनेंट के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के साथ उनकी स्मृति में स्मारक बनाए जाने की घोषणा सीएम योगी ने की थी।
सीएम योगी हनुमानगढ़ी में हनुमत कथा मंडपम के लोकार्पण समारोह में शामिल होने के लिए आए थे। उन्होंने मंच से शहीद लेफ्टिनेंट को श्रद्धांजलि भी अर्पित की थी। शहीद का पार्थिव शरीर शुक्रवार शाम को ही सेना के विशेष एयरक्राफ्ट से महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पहुंचा था। रात में पार्थिव शरीर को मिलिट्री हॉस्पिटल में रखा गया था।
अंतिम यात्रा सरयू तट के लिए रवाना हुई
दरअसल, शहीद के पिता मर्चेंट नेवी में अमेरिका में तैनात हैं। सूचना मिलने पर वह शनिवार सुबह यहां पहुंचे। इसके बाद सुबह पार्थिव शरीर उनके आवास पहुंचाया गया। यहां से अंतिम यात्रा सरयू तट के लिए रवाना हुई। लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी अपने साथी को बचाने में शहीद हुए थे। शशांक तिवारी के साथी नदी में गिर गए थे। उनको बचाने के लिए शशांक तिवारी ने नदी में छलांग लगा दी थी। साथी को तो बचा लिया, लेकिन खुद को नहीं बचा सके।