14 कोसी परिक्रमा शनिवार की शाम तय मुहूर्त 6:32 बजे से एक घंटा पहले ही शुरू हो गई। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली परिक्रमा थी इसलिए श्रद्धालु खुद को रोक नहीं पाए। दर्जन भर से ज्यादा स्थानों पर आस्था की लहर आखिरकार मुहूर्त से पहले ही छलक उठी। आस्था का समुद्र परिक्रमा पथ पर जगह-जगह लहराने लगा। उत्साह का आलम यह था कि रामनगरी में एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई थी। अनुमान के मुताबिक शनिवार शाम तक 10 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, श्रद्धालुओं का आगमन जारी है।
14 कोसी परिक्रमा शुरू होने के साथ ही कार्तिक मेला शुरू हो चुका है। परिक्रमा 10 नवंबर की शाम 4:45 बजे तक प्रवाहमान रहेगी। रामनगरी की रज शिरोधार्य कर परिक्रमा शुरू कर रहे श्रद्धालु आराध्य का जयकारा लगाते आगे बढ़ रहे थे। बड़ी संख्या में भक्तों ने सरयू घाट से परिक्रमा का शुभारंभ किया। नाका हनुमानगढ़ी से भी भक्तों ने परिक्रमा का आगाज किया। अयोध्या, दर्शननगर, भीखापुर, देवकाली, जनौरा, मोदहा, सिविल लाइन स्थित हनुमान मंदिर, सहादतगंज, अफीम कोठी आदि स्थानों से श्रद्धालुओं ने पूरे भक्ति की रौ में परिक्रमा शुरू की। महिला, पुरुष, वृद्ध, बच्चे भी परिक्रमा पथ को नापते दिखे। साधु-संतों की टोली भी हरिकीर्तन करते हुए आगे बढ़ती रही|
रात होते ही श्रद्धालुओं का कारवां भी बढ़ता गया। भोर होते-होते रामनगरी के 14 कोस की परिधि अटूट मानव श्रृंखला में बंध सी गई। गगनभेदी जयघोष की सामूहिक आध्यात्मिक स्वरों से 14 कोसी परिक्रमा पथ गुंजायमान होने लगा। श्रद्धालुओं की सेवा के लिए जगह जगह सेवा शिविर भी लगाए गए हैं। जलपान से लेकर चिकित्सा के पृरे इंतजाम परिक्रमा पथ पर खूब किए गए हैं। वहीं, रामनगरी में यातायात प्रतिबंध लागू करते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नयाघाट स्थित कंट्रोल रूम में जिले के आला अधिकारी मंडलायुक्त गौरव दयाल, डीएम चंद्रविजय सिंह, आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी राजकरण नय्यर ने कैंप कर रखा है, पूरे मेला क्षेत्र की पल-पल निगरानी की जा रही है।