
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष को तेलंगाना पुलिस की एसआईटी ने समन भेजा है। संतोष को 21 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। बीएल संतोष पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है। तेलंगाना पुलिस लगातार इस मामले में छापेमारी कर रही है। अब तक चार राज्यों की सात लोकेशन से तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
इस मामले को लेकर फंसे हैं बीएल संतोष
तेलंगाना में सत्ताधारी टीआरएस के विधायकों में से एक पी रोहित रेड्डी ने भाजपा नेताओं पर खरीद-फरोख्त का मामला दर्ज कराया है। रेड्डी के शिकायत के आधार पर 26 अक्टूबर की रात रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंद कुमार और सिम्हाजी स्वामी के खिलाफ आपराधिक साजिश, रिश्वत की पेशकश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किए गए। रोहित रेड्डी द्वारा दर्ज मामले के मुताबिक आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की। इसके बदले में उसने शर्त रखी गई कि उन्हें टीआरएस छोड़कर भाजपा में शामिल होना पड़ेगा।
इसके अलावा टीआरएस के चार विधायक पायलट रोहित रेड्डी, बी हर्षवर्धन रेड्डी, रेगा कांथा राव और गुव्वाला बलराजू ने भी अज्ञात लोगों से धमकी भरे फोन आने की शिकायत दर्ज की। फोन पर उन्हें टीआरएस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के लिए कहा गया। कथित तौर पर धन का प्रलोभन भी दिया गया। विधायकों की शिकायत के बाद रायदुर्गम, बंजारा हिल्स, घाटकेसर और गचीबावली पुलिस थानों में भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए।
इस मामले में जांच के लिए तेलंगाना सरकार ने एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी ने नामजद आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, अब भाजपा के अन्य नेताओं पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। बीएल संतोष को इसी मामले में पूछताछ के लिए एसआईटी ने समन भेजा है।
क्या होगा अब आगे
अब आगे क्या होगा?
तेलंगाना पुलिस की एसआईटी ने बीएल संतोष को 21 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्र प्रकाश पांडेय के मुताबिक, अगर बीएल संतोष पूछताछ के लिए तेलंगाना जाते हैं, तो उन्हें एसआईटी गिरफ्तार भी कर सकती है। ऐसे में वह फिलहाल अंतरिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। इससे उन्हें फौरी तौर पर राहत मिल जाएगी।
