अयोध्या-
श्रीराम जन्मभूमि में राममंदिर का निर्माण कार्य 50 फीसदी पूरा हो चुका है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंगलवार को पत्रकारों को राम जन्मभूमि परिसर में बुला कर मंदिर निर्माण की प्रगति से अवगत कराया। ट्रस्ट का कहना है कि 2024 के अंत तक राममंदिर का भूतल व प्रथम तल भी तैयार हो जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया की नागर शैली में बन रहे अष्टकोणीय श्रीराम मंदिर का अब तक 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। मंदिर का नृत्य मंडप, गूढ़ मंडप और महापीठ तैयार हो चुकी है। गर्भगृह का काम भी 30 फीसदी पूरा हो चुका है। गर्भगृह में बंसी पहाड़पुर के पत्थरों परत डाली जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि कार्यशाला में तराश कर रखे गए पत्थरों से गर्भगृह और प्रदक्षिणा की दीवार बनाई जा रही है। अष्टकोणीय आकार में बनने वाले गर्भगृह में मकराना के सफेद संगमरमर के नक्काशीदार कुल आठ स्तंभ होंगे। अब तक दो स्तंभ खड़े हो गए हैं। जहां पर तांबे की पाइप लगी है, वहीं पर दो ढाई फीट का सफेद संगमरमर का फाउंडेशन तैयार कर इस पर पांच फीट ऊंची रामलला की मूर्ति स्थापित की जाएगी।
चंपत राय ने बताया कि जल्द ही राम मंदिर के परकोटे का भी काम शुरू होने वाला है। परकोटा राम मंदिर से 27 मीटर दूर मंदिर के चारों तरफ निर्मित किया जाएगा। जिसकी लंबाई 800 मीटर होगी। परकोटा 14 फीट चौड़ा होगा। परकोटे के भीतर यात्रियों के लिए कई सुविधाएं भी विकसित करने की योजना है।
मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि मंदिर में लगने वाले सभी पत्थरों पर क्यू आर कोड पड़े हैं। जिससे एक-एक पत्थर कहां-कहां लगे हैं, इसकी पूरी जानकारी हमारे पास उपलब्ध होगी। बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर निर्माण की प्रगति देखने दीपोत्सव में पहुंचे थे। उन्हें मंदिर निर्माण की प्रत्येक गतिविधि से अवगत कराया गया है। वे पूरी तरीके से संतुष्ट दिखे और मंदिर में भक्तों के लिए सुविधाएं विकसित करने का काम तेज करने को कहा है।
ट्रस्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश ऑफले ने बताया कि भक्तों को गर्भ गृह में 30 फीट दूर से रामलला के दर्शन प्राप्त हो सकेंगे। मंदिर में भक्तों के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। मंदिर के प्रथम तल में राम दरबार की स्थापना की जाएगी। दूसरे तल को अभी खाली छोड़ा गया है। यहां क्या होगा इसको लेकर ट्रस्ट संतों से राय ले रहा है।
ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र ने बताया कि विष्णु पंचायतन की स्थापना के मद्देनजर परकोटे में छह और मंदिर बनाए जाएंगे। मंदिर के चारों कोनों पर गणेश जी, शिव जी, माता दुर्गा व सूर्य का मंदिर बनाया जाएगा। मंदिर के आग्नेय कोण पर हनुमान जी का मंदिर बनेगा। मंदिर के पश्चिम दिशा में सीता रसोई होगी। जिसमें अन्नपूर्णा का मंदिर स्थापित किया जाएगा। गर्भगृह में विष्णु के रूप में भगवान श्रीराम लला विराजमान होंगे।