गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों पर जानलेवा हमला करने का आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी जिहाद की नर्सरी तैयार कर रहा था। पुलिस की गिरफ्त में आने से पहले तक मुर्तजा ने कई बैंक खातों में रुपये भेजकर फंडिंग मुहैया कराई थी। यह तथ्य सामने आने के बाद एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है। यह भी पता चला है कि मुर्तजा ने डालर से विदेशी सिम खरीदा था, जिसका इस्तेमाल वह प्रतिबंधित वेबसाइट्स को सर्च करने में किया करता था। उधर, मंगलवार रात में ही कोर्ट से वारंट बी और रिमांड हासिल कर एटीएस की टीम मुर्तजा को लेकर लखनऊ चली गई है। लखनऊ में ही पूछताछ चल रही है। जानकारी के मुताबिक, मुर्तजा के पकड़े जाने के बाद से ही एटीएस, एसटीएफ और पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रतिदिन इसके बारे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। एटीएस और एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला है कि डालर का इस्तेमाल कर मुर्तजा ने विदेशी सिम खरीदा था।
इसकी मदद से ही वह प्रतिबंधित वेबसाइट पर सर्च कर जिहादी वीडियो देखा करता था। मुर्तजा के पास से नेपाली करेंसी के साथ डालर भी मिला है। यह भी सामने आया है कि कई खातों में वह रुपये भेजा करता था। नौकरी के दौरान जो भी पैसे जुटाए, उसे जिहाद की नर्सरी तैयार करने में ही खर्च कर दिया है। नेपाल के बैंक खातों के जरिए करीब आठ लाख रुपये सीरिया के अलग-अलग बैंक खातों में भेजे गए हैं। नेपाल के अलावा विदेशों में उसके खाते संचालित होने की खबर पर जांच तेज कर दी गई है।
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात सिपाहियों पर तीन अप्रैल की शाम सवा सात बजे के करीब एक युवक ने धारदार हथियार से हमला कर दिया था।
आरोपी को मौजूद लोगों की मदद से पुलिस ने पकड़ लिया था। उसकी पहचान पार्क रोड, सिविल लाइंस स्थित निवासी मुर्तजा अब्बासी के रूप में हुई थी।
पुलिस ने गोरखनाथ थाने में आरोपी के खिलाफ दो अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। मामले की जांच पुलिस के अलावा एटीएस, एसटीएफ भी कर रही है। एनआईए की टीम भी अपने स्तर से जांच में जुटी है।