ईद 2021: कोरोना महामारी की पड़ी मार तो बकरों का कारोबार हुआ डिजिटल।

Spread the love

कुर्बानी का त्योहार ईद उल अजहा 21 जुलाई को मनाया जाएगा। बकरीद पर भी कोरोना का साया पड़ रहा है। सख्ती के चलते इस बार बकरों की हाट अब तक नहीं लग सकी। इस कारण कारोबारियों ने ऑनलाइन बकरों को बेचना शुरू कर दिया है। इसके लिए व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे ऑनलाइन सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का सहारा लिया जा रहा है। इस पर बाकायदा बकरों की फोटो, वीडियो व कीमत शेयर की जा रही है। खरीदारी भी हो रही है, लेकिन पिछले साल की तरह रफ्तार न मिलने के कारण कारोबारी खासे मायूस हैं। ईद-उल-अजहा का त्योहार लगातार दूसरे साल भी कोरोना के साए में मनाया जाएगा। बकरीद नजदीक आते ही साप्ताहिक बकरा मंडी में खरीदारों की ऊंची बोली से परेशान ग्राहक ऑनलाइन मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं। इंटरनेट पर पांच हजार से लेकर तीन लाख तक के मनचाहे बकरे आसानी से मिल रहे हैं। ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर अपनी हैसियत के हिसाब से मुसलमान कुछ खास जानवरों की कुर्बानी करते हैं। पहले ये पशु खुले बाजार (ऑफ लाइन मार्केट) में ही बेचे जाते थे, लेकिन वक्त बदलने के साथ ही बकरों की खरीद बिक्री का तरीका भी बदल गया है। ज्वालापुर के मोहल्ला कैथवाड़ा निवासी आबिद खान ने बताया कि अब लोग ओएलएक्स या फिर अन्य वेबसाइट के जरिए कुर्बानी के जानवरों की खरीदारी कर रहे हैं। बकरों की खरीद बिक्री के लिए इन दिनों गोट इंडिया डॉट कॉम नाम की वेबसाइट काफी लोकप्रिय हो रही है।

तुर्की दुम्बा से राजस्थानी नस्ल तक के बकरे
ऑनलाइन बाजार में तुर्की दुम्बा से लेकर पंजाबी जैसी हर नस्ल के बकरे मौजूद हैं। इनकी कीमत पांच हजार से शुरू है, जो लाखों तक जाती है। ऑनलाइन मार्केट में राजस्थानी नस्ल की बिक्री ज्यादा है। ऑनलाइन बकरों की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है।

और पढ़े  नैनीताल हाईकोर्ट- जिले से बाहर करें बनभूलपुरा के इंस्पेक्टर इंस्पेक्टर नीरज भाकुनी का तबादला, जानें मामला

पहाड़ी बकरों की ज्यादा होती है मांग
कुर्बानी स्वस्थ बकरे की दी जाती है। इसमें भी पहाड़ी बकरे की अधिक मांग होती है। पहाड़ और मैदान के बकरों की नस्ल ही अलग नहीं होती है, बल्कि उनका चारा भी अलग होता है। पहाड़ के बकरे जंगलों में घास चरते हैं। उनका वजन और आकार धीमी गति से बढ़ता है, जिससे उनका मांस मैदानी बकरों की तुलना में अधिक पसंद किया जाता है। मैदानी इलाकों में हाईब्रिड नस्ल के बकरे पाले जाते हैं।


Spread the love
  • Related Posts

    नैनीताल हाईकोर्ट: सवालों के घेरे में रही पंचायत चुनाव की तैयारी, आरक्षण संबंधित एक याचिका पर अब से थोड़ी देर बाद होगी सुनवाई।

    Spread the love

    Spread the loveराज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी शुरू से ही सवालों के घेरे में रही है। सबसे पहले समय पर चुनाव नहीं हुए। जब समय निकल गया शासन…


    Spread the love

    उत्तराखंड:- पंचायत चुनाव अधिसूचना पर आज निर्णय लेगा राज्य निर्वाचन आयोग, हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद हो सकती है स्थगित।

    Spread the love

    Spread the love  राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की दो दिन पूर्व लागू हुई अधिसूचना पर आज मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयोग निर्णय लेगा। सोमवार को हाईकोर्ट के स्थगन आदेश…


    Spread the love

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!