अयोध्या तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस का विवादित बयान सामने आया है। ज्ञानवापी के प्रकरण पर उन्होंने कहा कि हम लोग संवैधानिक दायरे में इंतजार कर रहे हैं लेकिन राम मंदिर जैसा इंतजार नहीं करेंगे। जरूरत पड़ी तो कानून को हाथ में लेंगे। जो ऐतिहासिक स्थल है, उसे पुर्नप्रतिष्ठित करेंगे। वह श्रीमद्भागवत कथा में शामिल होने के लिए सोमवार शाम कूरेभार स्थित मदनपुर पहुंचे थे।
जगदगुरु परमहंस ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद का हवाला देते हुए कहा कि जो न्याय देर से मिलता है, वो अन्याय के सामान होता है। उन्होंने ये भी कहा कि बांग्लादेश भारत का हिस्सा है। जब से वो अलग हुआ और इस्लामिक राष्ट्र बना तो वहां लगातार सनातनियों पर अत्याचार हुए। हिंसा हुई, दुष्कर्म हुए और सनातनियों की संख्या दिनों दिन कम हुई है।
ये बड़ी चेतावनी भी है कि भारतीय संस्कृति, जो वैदिक संस्कृति है उसको अगर बचाना है तो बंटवारे से बचें। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। संवैधानिक पद पर रहते हुए भी उन्होंने लोगों की जीवन रक्षा के लिए कहा कि बंटोगे तो कटोगे। मतलब एकजुट रहें।