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वायनाड भूस्खलन मुंडक्कई में मची भारी तबाही: खबर अपडेट- अब तक 158 लोगों की मौत,191 लापता,राहत-बचाव कार्य जारी

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वायनाड भूस्खलन मुंडक्कई में मची भारी तबाही: खबर अपडेट- अब तक 158 लोगों की मौत,191 लापता,राहत-बचाव कार्य जारी

अब तक कुल 158 लोगों की मौत
वायनाड जिला प्रशासन का कहना है कि भूस्खलन में अबत कुल 158 लोग मारे गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव का कार्य लगातार जारी है।
केरल के वायनाड जिले में प्राकृतिक आपदा के कहर में 158 लोग काल का गाल में समा गए। अब अधिकारियों को उन 191 लोगों की चिंता है, जो इस आपदा में लापता हो गए हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन का कहना है कि वायनाड में राहत एवं बचाव कार्य पूरे जोर शोर से चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि केरल की धरती में इस तरह की दर्दनाक घटना पहले कभी नहीं हुई।

इस बीच वायनाड जिला प्रशासन ने बताया कि इस आपदा में मारे गए लोगों की संख्या 158 पहुंच गई है। इससे पहले तिरुवनंतपुरम में सीएम पिनरई विजयन ने कहा था कि अब तक कुल 144 शवों को बरामद कर लिया गया है, जिनमें 79 पुरुष और 64 महिलाएं हैं। सीएम ने कहा था कि अभी भी कुल 191 लोग लापता हैं। दिन की शुरुआत में सीएम विजयन ने मंत्रिमंडल की बैठक में वायनाड आपदा में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिले के मुंडक्कई और चूरलमला क्षेत्रों में बेहद बुरा हाल है। ये दोनों क्षेत्र पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। सीएम ने आगे बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बाव कार्य जोर शोर से चल रहे हैं।

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1,592 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
सीएम विजयन ने कहा, ‘दो दिनों के भीतर कुल 1,592 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। राहत और बचाव कार्य के पहले चरण में 68 परिवारों के 206 लोगों को तीन शिविरों में पहुंचाया गया। इनमें 75 पुरुष, 88 महिलाएं और 43 बच्चे शामिल हैं।’ सीएम विजयन के अनुसार, इसके बाद दूसरे चरण में लापता हुए और अपने घरों में फंसे 1,386 लोगों को बचाया गया। इनमें कुल 528 पुरुष, 559 महिलाएं और 299 बच्चे शामिल हैं। इन सभी को सात शिविरों में पहुंचाया गया है। इसके अलावा 201 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है, जिनमें से 90 लोगों का इलाज अभी भी जारी है।

सीएम पिनरई विजयन का कहना है कि वायनाड जिले में मौजूदा समय में 82 राहत शिविरों में कुल 8,017 लोग रह रहे हैं, जिनमें 19 गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। मेप्पाडी में आठ राहत शिविरों में 421 परिवारों के 1,486 लोग रह रहे हैं। इस बीच थल सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ के जवान लगातार लोगों की बचाने में मुहिम में जुटे हैं। जो घर मलबे में दब गए हैं, वहां से बड़े बड़े पत्थरों को हटाया जा रहा है। सेना का कहना है कि जहां जवानों को तैनात किया गया है, वहां मंगलवार रात तक एक हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। उधर, भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से प्रभावित इलाकों में आसमान से नजर रखी जा रही है।

वायनाड में मौजूदा हालातों को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने वायनाड में मौजूदा हालातों को लेकर मंत्रिमंडल के साथ बैठक की। विजय ने कहा, ‘हम आपदा प्रभावित उन जनजातीय लोगों को विस्थापित कर रहे हैं, जो वहां से हटने से मना कर रहे थे। उन सभी को पर्याप्त भोजना की सुविधा पहुंचाई जा रही है। अब तक कुल मिलाकर 1,592 को अलग-अलग राहत अभियानों के तहत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वायनाड जिले में कुल मिलाकर 82 राहत शिविर बनाए गए हैं। इनमें 2.017 लोगों ने शरण ली है। इसके अलावा मेप्पाडी में 421 परिवारों के 1,486 लोगों को आठ राहत शिविरों में ठहराया गया है। मुंडक्कई में राहत कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जा रही है और अत्तामला और चूरलमला में राहत एवं बचाव के प्रयास जारी हैं। आज राहत और बचाव कार्यों में सहयोग के लिए सेना के 132 जवान भी पहुंच गए हैं। राहत कार्यों में दो हेलीकॉप्टर पहले से काम कर रहे हैं।’

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