गौतम गंभीर- क्या भाजपा सांसद गौतम गंभीर लेंगे राजनीतिक करियर से सन्यास,खुद दायित्वों से मुक्त करने का किया अनुरोध
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने शनिवार को अपने एक्स अकाउंट पर ट्वीट कर राजनीति से दूरी बनाने के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुझे अपने राजनीतिक कर्तव्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है, जिससे मैं क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित कर सकूं।
गौतम गंभीर ने लिखा है कि ‘मुझे लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं। जय हिन्द!
2019 के लोकसभा चुनाव में बड़े अंतर से दर्ज की थी जीत-
2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली सीट पर क्रिकेटर गौतम गंभीर ने बड़ी जीत दर्ज की थी। ‘आप’ की आतिशी और कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली पर भारी पड़ते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर 3 लाख 90 हजार के विशाल अंतर से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। चुनावी मैदान में गंभीर ने पहली बार कदम रखा था और जीत दर्ज की थी।
गंभीर ने 2018 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। उसके बाद से वो सेना, जवानों और बाकी सामाजिक मुद्दों पर ट्विटर के जरिए अपनी राय रखा करते थे। राष्ट्रवादी छवि बनाने के बाद से ही चर्चा थी कि गंभीर जल्द ही भाजपा ज्वॉइन कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने इस बात को कभी माना नहीं था।
क्रिकेट के मैदान पर आक्रामक रुख के लिए मशहूर रहे इस खिलाड़ी ने राजनीति में भी जोरदार शुरुआत की थी। ताबड़तोड़ रोड और धुआंधार रैलियां की थीं। अब गंभीर के अचानक इस फैसले से राजनीतिक जानकार भी थोड़ा अचंभित जरूर हैं।
गंभीर का राजनीतिक करियर-
गंभीर का राजनीतिक करियर लगभग पांच साल का रहा है। 22 मार्च 2019 को वह केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे। उन्हें 2019 लोकसभा चुनाव में 696,158 वोट मिले थे। उन्होंने पूर्वी दिल्ली सीट पर कांग्रेस नेता अरविंदर सिंह लवली और आम आदमी पार्टी की आतिशी मार्लेना को हराया था। लवली को 3,04,934 और आतिशी को 2,19,328 वोट मिले थे।
गंभीर ने गरीब और अनाथ बच्चों की आर्थिक मदद करके उनका भविष्य संवारने में मदद के लिए ‘गौतम गंभीर फाउंडेशन नाम’ के NGO की स्थापना भी की। साथ ही सुकमा में हुए नकसली हमले में शहीद हुए जवानों के बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्च वहन करते हैं। इसके अलावा जनरसोई की मदद से गरीबों के लिए एक रुपये में खाना उपलब्ध करवाया। वह समय-समय पर इसकी जांच भी करते हैं और खुद अपने हाथों से खाना बांटते हुए दिखते हैं। जनरसोई में वे लोग एक रुपये में भरपेट खाना खा सकते हैं, जिनके पास खाना खरीदने के लिए पैसा नहीं है। वह अब तक पांच जन रसोई खोल चुके हैं। हालांकि, पांच साल में ही उनका राजनीति से मोहभंग हो गया है। अब वह दोबारा क्रिकेट की तरफ रुख करना चाहते हैं। गंभीर हाल ही में कोलकाता नाइट राइडर्स के मेंटर नियुक्त किए गए थे। इससे पहले वह लखनऊ सुपर जाएंट्स के मेंटर रहे थे।