अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय,22 जनवरी को पीएम मोदी रामलला का नेत्रोन्मिलन करेंगे।
अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय, 17 जनवरीसे जल यात्रा संग अनुष्ठान शुरू, 22 जनवरी पूर्णाहुति
अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की तारीख लगभग तय ही हो गई है। 17 जनवरी को जल यात्रा संग अनुष्ठान शुरू होंगे। अनुष्ठान की पूर्णाहुति के बाद 22 जनवरी को पीएम मोदी रामलला का नेत्रोन्मिलन करेंगे।
अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय, 17 जनवरीसे जल यात्रा संग अनुष्ठान शुरू, 22 जनवरी पूर्णाहुति
अयोध्या रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 17 जनवरी से ही शुरू होगा। पंच दिवसीय अनुष्ठान का खुलासा ‘न्यू भारत’ से बातचीत में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि भी कर चुके हैं। फिलहाल अनुष्ठान के तिथियों पर बोर्ड आफ ट्रस्टीज की मुहर लग गयी है। इस अनुष्ठान के प्रतिष्ठाचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित ने एक साक्षात्कार में बताया कि 17 जनवरी को जल यात्रा के साथ धार्मिक कर्मकांड की शुरू होगा। अनुष्ठान का शुभारम्भ गणेश पूजन किया जाएगा।
इसके उपरांत श्रीविग्रह का अलग-अलग अधिवास होगा और अंत में शैय्याधिवास के बाद रामलला गर्भगृह में महापीठ पर प्रतिष्ठित हो जाएंगे। अनुष्ठान के अंतिम चरण में 22 जनवरी को रामलला के श्रीविग्रह का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेत्रोन्मिलन से (नेत्र खोलकर) करेंगे। यह नेत्रोन्मिलन मृगशिरा नक्षत्र के आरम्भ में होगा। पंचांग के अनुसार मृगशिरा नक्षत्र 22 जनवरी सोमवार को अपराह्न 3.52 बजे से 23 जनवरी मंगलवार को 4.58 बजे तक है। खास बात है कि इस तिथि पर अमृत सिद्धि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग भी मिल रहा है। यह समय प्राण प्रतिष्ठा समारोह के भी अनुकूल है।
तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय के मुताबिक जनवरी का महीना शीतकाल का है। शीतकाल में ठंडक व कुहासे के कारण कार्यक्रम अपराह्न तीन बजे से शुरू होगा। रामलला के श्रीविग्रह के अनावरण के साथ बहुप्रतीक्षित राम मंदिर का भी लोकार्पण हो जाएगा। प्रतिष्ठाचार्य श्रीदीक्षित के अनुसार अनुष्ठान के पहले दिन जलयात्रा के साथ ही भगवान की शोभायात्रा भी निकाली जाएगी।
शोभायात्रा में अचल विग्रह के बजाय उत्सव विग्रह ही होंगे शामिल प्राण प्रतिष्ठा के प्रतिष्ठाचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के अनुसार शोभायात्रा में विराजमान रामलला जिन्हें मुख्य मंदिर में उत्सव विग्रह के रूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा, को ही नगर दर्शन कराया जाएगा। राम मंदिर के पूजा विधान के लिए गठित धार्मिक न्यास समिति के सदस्य व रामकुंज कथा मंडप के पीठाधीश्वर डा. रामानंद दास महाराज ने बताया कि पाषाण खंड से रामलला के निर्माणाधीन श्रीविग्रह की लंबाई चार फिट तीन इंच यानि 51 इंच ही है।
फिर भी उनका वजन इतना अधिक है कि सहजता से दो-चार लोग भी नहीं उठा सकते बल्कि क्रेन से ही उठाया जा सकता है। ऐसी दशा में अलग-अलग अधिवासों में नवीन श्रीविग्रह शामिल होंगे लेकिन उन्हें नगर दर्शन कराना संभव नहीं होगा।