सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में 2002 के दंगों से जुड़े सभी मामले बंद कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाओं का एक बैच लंबित था। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि समय बीतने के साथ मामले अब निष्फल हो गए हैं। 9 में से 8 मामलों में ट्रायल खत्म हो गया है और गुजरात के नरोदा गांव एक मामले में अंतिम बहस चल रही है।
27 फरवरी, 2002 को गुजरात के गोधरा में एक ट्रेन को उपद्रवियों ने आग लगा दी थी। ट्रेन की बोगी में सवार 59 लोग जलकर मर गए थे, इसमें ज्यादातर अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे। इस घटना के बाद गुजरात में दंगा भड़क उठा था। इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने एक कमिशन नियुक्त किया था, जिसका मानना था कि यह महज एक दुर्घटना थी। इस निष्कर्ष से बवाल खड़ा हो गया और कमिशन को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया। इस मामले में 28 फरवरी, 2002 को 71 दंगाई गिरफ्तार किए गए थे। गिरफ्तार लोगों के खिलाफ आतंकवाद निरोधक अध्यादेश (पोटा) लगाया गया। फिर 25 मार्च 2002 को सभी आरोपियों पर से पोटा हटा लिया गया।