उत्तराखंड शासन ने 25 सदस्यीय उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्यों के आगामी चुनाव के लिए विस्तृत कार्यक्रम घोषित कर दिया है। मुख्य सचिव, न्याय प्रशान्त जोशी के हस्ताक्षर से जारी सरकारी गजट के अनुसार चुनाव प्रक्रिया 19 दिसंबर 2025 से प्रारंभ होकर 9 फरवरी 2026 तक संचालित होगी।
अधिसूचना में एडवोकेट्स एक्ट, 1961 की धारा तथा निर्वाचन नियमावली 2025 के तहत मतदाता सूची, नामांकन, जांच, मतगणना आदि समस्त कार्यवाहियों की तिथियां निर्धारित की गई हैं। बता दें कि हाल में सुप्रीम कोर्ट ने देश की सभी बार काउंसिल के चुनाव 31 मार्च, 2026 से पूर्व कराने के निर्देश दिए थे।
चुनाव की मुख्य तिथियां
19 दिसंबर 2025, अस्थायी मतदाता सूची का प्रकाशन
20 से 26 दिसंबर 2025 तक अस्थायी मतदाता सूची पर आपत्ति प्रस्तुत करने की अवधि
02 जनवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन
03 से 09 जनवरी तक 2026, नामांकन पत्रों की प्राप्ति
10-11 जनवरी 2026, नामांकन पत्रों की जांच
12-14 जनवरी 2026 प्रत्याशियों की नाम वापसी
15 जनवरी 2026, अभ्यर्थियों की अंतिम सूची का प्रकाशन
04 फरवरी 2026 को मतदान
05- 06 फरवरी 2026, मतपत्रों की प्राप्ति
09 फरवरी 2026 को नैनीताल क्लब, नैनीताल में प्रातः 10 बजे से मतगणना
गजट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी जनपद मुख्यालयों एवं जिला व मुंसिफ न्यायालय परिसरों में भी प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। राज्य के समस्त जिलों सहित प्रदेश के सभी न्यायालय परिसरों में मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। अधिसूचना के अनुसार प्रत्येक प्रत्याशी का मतदाता सूची में नाम होना अनिवार्य है। प्रत्याशी को नामांकन पत्र के साथ एक लाख 25 हजार रुपये का शुल्क बैंक ड्राफ्ट के रूप में तथा मतदाता सूची खरीद शुल्क दस हजार रुपये जमा करना होगा।
जस्टिस शर्मा के नेतृत्व में हाईपावर चुनाव समिति गठित, जस्टिस खुल्बे पर्यवेक्षक
बार काउंसिल चुनाव के सफल संचालन के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व एक्टिंग चीफ जस्टिस और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा की अध्यक्षता में हाई पावर समिति गठित की गई है। समिति में उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश यूसी ध्यानी तथा हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कुलदीप सिंह सदस्य नामित किए गए हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरसी खुल्बे को पर्यवेक्षक और इलाहबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरए सिंह को रिटर्निंग ऑफिसर बनाया गया है।
ये हैं मुख्य बदलाव
इससे पहले बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड के चुनाव 2018 में हुए थे। तब लगभग 9 हजार मतदाता थे, इस बार इनकी संख्या 15 हजार से ज्यादा होने की संभावना है। बीते चुनाव में 20 सदस्य चुने गए थे जबकि इस बार 25 सदस्य चुने जाएंगे। गत चुनाव में शुल्क 30 हजार रुपये था जो इस बार बढ़ा कर सवा लाख रुपये कर दिया गया है। यह राशि नॉन रिफंडेबल होगी जिससे काउंसिल के कोष में भारी इजाफा होगा।







