रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तिथि पौष शुक्ल द्वादशी कितनी अहम है, इसका नजारा शनिवार को अयोध्या में दिखा। रामलला के विग्रह की भव्य मंदिर में प्रतिष्ठा की वर्षगांठ प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाई जा रही है। राममंदिर में विराजमान बालक राम शनिवार को एक साल के हो गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर अपने लल्ला के दर्शन करने पूरा देशउ उमड़ पड़ा। 20 से अधिक राज्यों के श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। 2़ 50 लाख भक्तों ने रामलला के दर्शन किए।
शनिवार की सुबह पांच बजे से ही दर्शनपथ पर जयकारे गूंजने लगे थे। आस्था की हिलोरें उमड़-घुमड़ रहीं थी। कोई नृत्य कर रहा था, कोई मंगलगान, हर कोई भावविभोर था। रह-रहकर श्रद्धालुओं की टोली अलग-अलग मुद्रा में हाव-भाव में पहुंच रही थी। हर मन मस्तिष्क में बस राम ही राम समाए थे। हरियाणा की श्यामवती शुक्रवार को ही अयोध्या पहुंच गई थीं, बोली अयोध्या का दृश्य आस्था का अतिरेक दर्शा रहा है। हैदराबाद निवासी संतोष कुमार ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आ सके थे, दो दिन पहले ही अयोध्या पहुंच गए। रामलला की दिव्य छवि का दर्शन कर मन आनंदित है।
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अयोध्या अब अयोध्या का अहसास कराती है
उन्होंने कहा कि मंगलगान का शुभारंभ नौ नवंबर 2019 को हुआ, जब न्यायपालिका ने सर्वसम्मत से निर्णय सुनाया कि अयोध्या में जहां विवादित ढांचा था, वह राम जन्मभूमि है। पांच अगस्त 2020 को इसी अयोध्या धाम में आकर पीएम मोदी ने प्रभु रामलला के भव्य राममंदिर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 22 जनवरी 2024 (पौष शुक्ल द्वादशी) के दिन पीएम मोदी ने देश भर से आए हर तबके की उपस्थिति व संतों के सानिध्य में रामलला को उनकी जन्मभूमि में प्रतिष्ठित कराने का कार्य किया था।
सीएम ने कहा कि अयोध्या अब अयोध्या होने का अहसास कराती है। सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन चुकी है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है तो नए उत्तर प्रदेश की नई अयोध्या अपने तीर्थ होने के गौरव के साथ पूरे देश को अपने साथ जोड़ रही है। सीएम ने कहा कि 13 जनवरी से प्रयागराज की धरती पर महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। अनुरोध किया कि एक बार जाकर त्रिवेणी में स्नान कीजिए और सनातन धर्म के बढ़े गौरव का मूर्त रूप देखकर आइए।