सनातन धर्म में अक्षय तृतीया को अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस बार अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को पड़ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी पुण्य काम कई गुना फल देता है। विशेष बात यह है कि इस दिन शुभ कार्यों के लिए किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं पड़ती है। धर्म ग्रंथों में उल्लेख है कि अक्षय तृतीया पर किए गए कार्य कभी निष्फल नहीं जाते। इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान का भी बड़ा महत्व है। पितृ दोष से मुक्ति के लिए भी इस दिन कुछ विशेष चीजों का दान किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस शुभ दिन का महत्व और किन चीजों का दान करना फलदायी होता है।
इन चीजों का करें दान
अक्षय तृतीया के दिन तांबे, पीतल या मिट्टी के कलश का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इन वस्तुओं को जरूरतमंदों को देने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन की कठिनाइयां कम होती हैं।
पितृ दोष से मुक्ति के लिए दान
अगर इस दिन किसी को नंगे पैर चलते हुए देखें, तो उन्हें चप्पल या छतरी दान करें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही आपको सात प्रकार के अनाज जैसे सत्तू, चना, गेहूं, चावल, जौ, मक्का और मूंग का दान करना चाहिए। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन गुड़, शक्कर और ताजे फलों का भी दान किया जाता है। इसे बहुत ही पुण्यदायी माना जाता है। इससे पितरों की कृपा और भी गहरी हो जाती है।