कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की कोविड जांच में हुए फर्जीवाड़े में मेला स्वास्थ्य अधिकारी और कोविड सेल के प्रभारी के निलंबित होने के बाद अब नामजद आरोपियों के खिलाफ स्पेशल इन्वेटिस्गेशन टीम (एसआईटी) ने कोर्ट से गैर जमानती वारंट ले लिया है। एसआईटी की टीम ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली, नोएडा और हरियाणा में डेरा डाल दिया है। महाकुंभ 2021 के दौरान कोरोना के प्रकोप को देखते हुए हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना जांच के लिए फर्म मै. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस 515, अंसल चैंबर-2 भीकाजी कामा प्लेस नई दिल्ली को टेंडर दिया गया था। फर्म के पार्टनर मल्लिका और शरत पंत ने दूसरी लैब को जांच का ठेका दे दिया था। कुंभ के दौरान कोविड जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया।
मामला सामने आने पर मुख्य चिकित्साधिकारी हरिद्वार की तहरीर पर नगर कोतवाली में मैक्स कारपोरेट सर्विस के साथ ही नलवा लैबोरेट्रीज प्राइवेट लि. 83, रेड स्क्वायर मार्केट हिसार हरियाणा संचालक समेत सेंट्रल दिल्ली की डॉक्टर लाल चंदानी लैब को नामजद करते हुए जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया था।
जांच के बाद एसआईटी टीम ने भिवानी की डेलफिया लैब के संचालक आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था। जिससे पूछताछ की गई तो पता चला कि मल्लिका व शरत पंत ने इस खेल का तानाबाना बुना था। जिसके बाद पुलिस ने शरत व मल्लिका की गिरफ्तारी के लिए नैनीताल से नोएडा तक दबिश भी दी थी। आरोपी तब से फरार चल रहे हैं।शनिवार को एसआईटी की ओर से विवेचनाधिकारी अमरजीत सिंह ने शरत व मल्लिका पंत के साथ ही नलवा लैब के संचालक डॉक्टर नवतेज नलवा के खिलाफ गैर जमानती वारंट कोर्ट से ले लिये हैं। इसके साथ ही आरोपियों को पकड़ने के लिए एसआईटी की एक टीम दिल्ली व एक हरियाणा में भेजी गई है। एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने बताया कि सीजेएम कोर्ट से गैर जमानती वारंट हासिल कर लिये हैं। आरोपियों की तलाश की जा रही है।