
कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लालकुआं से मैदान में उतरने से यह सीट राजनीतिक फलक पर चर्चा में है। सभी की निगाहें इस सीट पर लगी हुई हैं। यहां रोचक मुकाबले के आसार बन रहे हैं।
हालांकि दोनों ही दल एक-एक बागी की बगावत से जूझ रहे हैं लेकिन चुनावी समर में दो लड़ाकों में सीधी जंग दिख रही है। भाबर में चोरगलिया से लेकर बिंदुखत्ता तक फैली इस सीट की भौगोलिक संरचना भले ही जटिल न हो है मगर इस चुनाव में यहां का सियासी गणित दो दलों में उलझा हुआ है। राजनीतिक पंडित भी मुकाबला आमने-सामने का मान रहे हैं।
लालकुआं सीट तब चर्चा में आई जब कांग्रेस ने यहां से घोषित प्रत्याशी संध्या डालाकोटी का टिकट काटकर रामनगर से घोषित प्रत्याशी पूर्व सीएम हरीश रावत को यहां से चुनाव लड़ने के लिए भेज दिया। संध्या ने बागी होकर निर्दलीय ताल ठोकी है। पार्टी से जुड़े सूत्र डैमेज कंट्रोल की कोशिशें परवान न चढ़ने के लिए अंदरूनी सियासत को जिम्मेदार बता रहे हैं। भाजपा ने जिला पंचायत सदस्य डॉ. मोहन सिंह बिष्ट को कुछ दिन पहले पार्टी में शामिल कराकर टिकट दिया है। उनके सामने लालकुआं के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष पवन चौहान ने ताल ठोकी है।
भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट सुलभता और स्थानीय फैक्टर को आगे कर वोट मांग रहे हैं। वह बाहरी और स्थानीय फैक्टर को सामने रख रहे हैं। हालांकि प्रचार में बड़े नेताओं का मूवमेंट अपेक्षाकृत कम दिख रहा है। इसका कारण यह भी है कि इस सीट से पार्टी से जुड़े कई लोगों ने दावेदारी की थी, जो अंदरखाने नाराज बताए जा रहे हैं। टिकट से वंचित पार्टी विधायक नवीन दुम्का भी अधिक सक्रिय नहीं दिख रहे हैं।
भाजपा जहां मजबूत संगठन और कैडर वोट के भरोसे चुनाव मैदान में है वहीं कांग्रेसी हरीश रावत को सीएम चेहरा बताकर वोटरों तक जा रहे हैं। सियासत के इस महारथी को चक्रव्यूह में फंसाने के लिए भाजपा पूरी घेराबंदी कर रही है। हरीश रावत लगातर भाजपा से नेताओं को तोड़कर पार्टी में जोड़ रहे हैं। हाल ही में हल्द्वानी की ब्लॉक प्रमुख रूपा देवी, कुछ प्रधानों और एक मंडल अध्यक्ष को कांग्रेस में शामिल किया गया है। बाहरी और स्थानीय फैक्टर को दूर करने के लिए हरीश रावत इस बार ज्यादातर समय लालकुआं को ही दे रहे हैं। दूसरे जिलों में सभा करने के बावजूद वह रात में लालकुआं ही पहुंच रहे हैं। उधर, कांग्रेस की बागी संध्या डालाकोटी मातृशक्ति के अपमान को मुद्दा बनाकर चुनाव मैदान में हैं। उनका कहना कि टिकट काटना बड़ा अपमान हैं। भाजपा के बागी पवन चौहान को लालकुआं के शहरी वोटरों पर पूरा भरोसा है।
जनता का मूड
तीनपानी बाईपास निवासी कारोबारी महेश गोस्वामी कहते हैं कि चेहरा कोई भी हो उन्हें फर्क नहीं पड़ता। यहां पार्टी के नाम पर वोट पड़ते हैं। बरेली रोड के पंकज कहते हैं कि लड़ाई अभी फंसी हुई है। चोरगलिया के खष्टी दत्त जोशी का कहना है कि सड़कों पर काम नहीं हुआ। महंगाई चरम पर है। हमें विकास चाहिए। हल्दूचौड़ के रमेश सिंह कहते हैं कि महंगाई इस बार प्रमुख चुनावी मुद्दा है। हल्दूचौड़ के हरीश चंद्र कहते हैं कि यहां पल-पल में चुनावी समीकरण बदल रहे हैं। किसकी कब हवा हो जाए, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। लालकुआं के नरेश कहते हैं कि लालकुआं में बस अड्डा और स्पोर्ट्स स्टेडियम की बात प्रत्याशियों को करनी चाहिए।